शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, उसकी परिस्थितियां और सुरक्षा में हुई संभावित चूक के बारे में देश की जनता को जानकारी मिलनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे केवल पहलगाम हमले पर चर्चा चाहते हैं, न कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा। राउत ने कहा, “अगर देश के 16 राजनीतिक दल विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं तो उस पर गंभीर चर्चा होनी ही चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस विषय पर विशेष सत्र बुलाने की मांग रखेंगे। संजय राउत का मानना है कि लोकतंत्र में सरकार को पारदर्शिता दिखानी चाहिए और जनता को यह बताना चाहिए कि हालात क्या हैं और सरकार क्या कर रही है। लेकिन आज देश में हर बात को छिपाया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले संजय राउत ने मंगलवार को भाजपा नेता गिरीश महाजन पर भी निशाना साधा। राउत ने कहा, “यदि भाजपा सत्ता से बाहर हो जाती है, तो गिरीश महाजन वह पहले नेता होंगे जो पार्टी छोड़ देंगे।”
इस पर पलटवार करते हुए गिरीश महाजन ने कहा, “उद्धव ठाकरे को राजनीतिक दुश्मनों की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उनके पास संजय राउत जैसे नेता हैं। वे हर दिन मीडिया से बात करने के लिए खुद कॉल करते हैं और ऐसा कुछ बोलते हैं जिससे हेडलाइन बन जाए। उनकी बयानबाजी के कारण उद्धव ठाकरे की शिवसेना खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। राउत पार्टी को खत्म करने में लगे हुए हैं।”