इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी के तीन मोबाइल फोन इस पूरे मामले में कई राज खोलने वाले हैं। हत्या की साजिश और उसके बाद की गतिविधियों को छुपाने के लिए, आरोपियों में से एक आकाश ने सोनम के मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था। मर्डर के बाद सोनम ने अपना फोन आकाश को सौंपा, जिसने तुरंत उन फोनों को नष्ट कर दिया। बताया जा रहा है कि राजा की हत्या के बाद सोनम ने घटनास्थल पर ही अपने तीनों फोन स्विच ऑफ कर दिए थे।
पुलिस जांच में सामने आया है कि सोनम का एक फोन इंदौर में व्हाट्सएप एक्टिविटी के लिए कुछ देर के लिए चालू हुआ था, जिससे उसे ट्रैक किया गया। यह लापरवाही उसके लिए भारी पड़ गई। मेघालय पुलिस इस कड़ी को पकड़ते हुए तीन राज्यों—मध्य प्रदेश, असम (गुवाहाटी), और उत्तर प्रदेश—में सर्च ऑपरेशन चला रही है। राजा रघुवंशी का फोन भी खुद सोनम ने तोड़ा, और आरोपी विशाल ने उसे एक गहरी खाई में फेंक दिया।
नए किरदार की चौंकाने वाली एंट्री
अब इस केस में एक और नया रहस्यमयी किरदार "संजय वर्मा" सामने आया है, जिससे सोनम ने 1 मार्च से 8 अप्रैल के बीच 234 बार बात की। फोन कॉल्स की यह संख्या इस बात की ओर इशारा करती है कि संजय इस साजिश में अहम भूमिका निभा सकता है। ट्रू कॉलर पर जिस नंबर से बातचीत हुई, वह संजय वर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड है। हालांकि 8 जून की रात 11:20 बजे यह नंबर ऑफलाइन हो गया, और इसी रात गाजीपुर में सोनम की उपस्थिति दर्ज की गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस नंबर की गहराई से जांच की जा रही है। कुछ अधिकारियों को शक है कि यह नंबर फर्जी नाम पर रजिस्टर्ड हो सकता है।
पुलिस की गहन पूछताछ और जांच
इधर, शिलॉन्ग पुलिस की एक टीम मंगलवार को इंदौर स्थित राजा रघुवंशी के घर पहुंची, जहां उन्होंने परिजनों से लंबी पूछताछ की। टीम ने राजा की मां और भाई विपिन रघुवंशी से भी सोनम के व्यवहार और शादी के बाद के दिनचर्या से जुड़ी जानकारी जुटाई। पुलिस की यह जांच अब अंतरराज्यीय स्तर पर जा पहुंची है, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि यह हत्या केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि एक गहरी और सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकती है।