कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने पार्टी संगठन को सशक्त बनाने के लिए विधायकों और जिला अध्यक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार किया।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में हाल ही में हुए पहलगाम हमले और इसके बाद सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि "अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक फोन आया और प्रधानमंत्री मोदी तुरंत सरेंडर हो गए।"
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी सीधा हमला बोला और कहा, "इतिहास गवाह है कि यही बीजेपी-आरएसएस का असली चरित्र है—ये हमेशा झुक जाते हैं। 1971 में जब अमेरिका ने भारत को धमकाया था, तब कांग्रेस ने झुकने की बजाय पाकिस्तान को तोड़कर दिखा दिया था। कांग्रेस के नेता—बब्बर शेर और शेरनियां—सुपर पावर से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं। ये लोग तो आज़ादी के समय से ही सरेंडर करने की चिट्ठी लिखने के आदी हैं। थोड़ा सा दबाव आते ही ये झुक जाते हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी कभी सरेंडर नहीं करती। गांधी जी, नेहरू, और सरदार पटेल कभी झुके नहीं थे, उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों का भी सामना किया।"
“देश के 90% लोगों को कर दिया गया है दरकिनार”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश के संसाधनों और धन का बंटवारा आज कुछ खास लोगों के बीच सीमित हो गया है। “हर तरफ सिर्फ दो-तीन उद्योगपति नजर आते हैं, मानो बाकी देश में कोई और व्यवसायी है ही नहीं। देश की 90% आबादी को हाशिए पर डालकर सबकुछ गिने-चुने लोगों को सौंपा जा रहा है,” उन्होंने आरोप लगाया।
“भारत में रोजगार नहीं, पर चीन को फायदा”
उन्होंने चीन के साथ व्यापारिक संबंधों की भी आलोचना की और कहा, “कुछ लोग चीन का माल भारत में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि रोजगार चीन के युवाओं को मिल रहा है। इधर, भारत के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। यह सच्चाई अब छिपाई नहीं जा सकती। जातिगत जनगणना से यह साफ हो जाएगा कि किसे लाभ मिल रहा है और किसके साथ अन्याय हो रहा है।”
“देश में बन रहे हैं दो हिंदुस्तान”
राहुल गांधी ने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे उठाते हुए कहा, “इन वर्गों की आबादी देश में लगभग 90% है, लेकिन उन्हें न तो पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल रहा है और न ही अवसर। देश के सारे संसाधन केवल कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को सौंपे जा रहे हैं। इस कारण आज दो हिंदुस्तान बनते जा रहे हैं—एक 90% जनता का और दूसरा गिने-चुने अमीरों का। हम चाहे जितनी भी सुपर पावर बनने की बातें करें, यह तभी संभव होगा जब भारत अपनी पूरी शक्ति और क्षमता का उपयोग करेगा।”