10 साल से ज्यादा के लंबे इंतजार और जनता की उम्मीदों के बीच अब उद्घाटन को तैयार है भोपाल का बहुप्रतीक्षित ऐशबाग आरओबी। लेकिन अब यह ब्रिज चर्चाओं में है, वजह है इसका 88 डिग्री का खतरनाक टर्न, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। इस टर्न को इंजीनियरिंग का ‘कठिन चमत्कार’ माना जा रहा है, जिसे मध्य प्रदेश के PWD विभाग के इंजीनियरों ने डिज़ाइन किया है।
इस ब्रिज पर जैसे ही वाहन चढ़ते हैं, उन्हें लगभग 90 डिग्री पर अचानक मुड़ना पड़ता है। इससे वाहन चालकों के लिए कंट्रोल बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है और एक्सीडेंट का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
यह खतरनाक टर्निंग अब सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त सुर्खियों में है। इसकी तस्वीर वायरल होते ही केरल कांग्रेस ने इसे ट्वीट कर दिया और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। मामला तूल पकड़ने के बाद, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने जानकारी दी कि एनएचएआई की विशेषज्ञ टीम इस ब्रिज की जाँच करेगी और सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक सुधार के उपाय किए जाएंगे।
ब्रिज की टर्निंग बन सकती है एक्सीडेंट जोन
दरअसल, यह टर्निंग भविष्य में एक गंभीर एक्सीडेंट जोन बन सकती है। इस ब्रिज पर जैसे ही वाहन पहुंचते हैं, उन्हें लगभग 90 डिग्री पर मुड़ना पड़ता है। इस तीव्र एंगल पर मोड़ने की कोशिश में वाहन ब्रिज की दीवार से टकरा सकते हैं या सामने से आने वाली गाड़ियों से भिड़ सकते हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि डामरीकरण के दौरान इस ब्रिज को सुपर एलिवेशन डिज़ाइन के तहत बनाया जाए, जिसमें बाहरी किनारा भीतरी किनारे से ऊँचा होता है। इससे मुड़ते समय वाहन को बैलेंस मिलेगा और दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी।
निर्माण के समय भी जताई गई थी आपत्ति
जानकारी के अनुसार, ब्रिज के निर्माण के दौरान रेलवे विभाग ने इस 90 डिग्री की टर्निंग पर आपत्ति जताई थी। लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यह कहकर टाल दिया कि स्थान की कमी के कारण और कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। विभाग के अफसरों का कहना है कि यह ब्रिज केवल दो कॉलोनियों को जोड़ता है, इसलिए भारी वाहन इस पर नहीं चलेंगे।
इस ब्रिज के निर्माण में कुल 18 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसकी कुल लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई लगभग 8 मीटर है। अब देखना यह है कि जनता के लंबे इंतजार के बाद तैयार हुए इस पुल का भविष्य कितना सुरक्षित और सुविधाजनक बन पाता है।