
कर्नाटक की राजनीति में आरएसएस बनाम कांग्रेस का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा आरएसएस के कार्यक्रमों पर रोक लगाने के कदम के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी खुलकर इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी निजी राय में आरएसएस को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, क्योंकि देश में कानून-व्यवस्था की अधिकतर समस्याओं की जड़ आरएसएस और भाजपा की विचारधारा से जुड़ी है।
खरगे ने कहा, “1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने भी आरएसएस की आलोचना की थी। उसी समय देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बचाने के लिए इसे बैन किया गया था।”
मोदी पर भी साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वे “झूठ को सच में बदलने की कला में माहिर हैं।” खरगे ने कहा कि भाजपा हर मसले पर कांग्रेस को दोष देती है, जबकि खुद की गलतियों पर कभी नजर नहीं डालती। उन्होंने कहा, “सच को मिटाने की जितनी कोशिश कर लो, वो मिटेगा नहीं।”
सरदार पटेल और इंदिरा गांधी को किया याद
खरगे ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है — यह सरदार पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि दोनों का दिन है। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल जहां लौह पुरुष थे, वहीं इंदिरा गांधी आयरन लेडी थीं। दोनों ने ही देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का इतिहास इस देश के निर्माण से जुड़ा है। सरदार पटेल के एक पत्र का उल्लेख करते हुए खरगे ने कहा, “पटेल ने खुद आरएसएस की भूमिका पर सवाल उठाए थे और लिखा था कि गांधीजी की हत्या के पीछे जो माहौल बना, वह आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित था।”
“नेहरू और पटेल के बीच कोई मतभेद नहीं था”
कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि “आरएसएस और भाजपा हमेशा नेहरू और पटेल के बीच मतभेद की बातें करती रहती हैं, जबकि हकीकत यह है कि दोनों नेताओं के बीच गहरा सम्मान और सहयोग था।”
उन्होंने कहा कि नेहरू ने न केवल पटेल की सराहना की थी, बल्कि गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण और सरदार सरोवर बांध की नींव भी रखी थी।
खरगे ने तंज कसा, “भाजपा को चाहिए कि दही में कंकड़ ढूंढना बंद करे, इतिहास खुद उनके सामने आईना है।”
पीएम मोदी का पलटवार: “नेहरू ने रोका कश्मीर का एकीकरण”
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। मोदी ने कहा कि “सरदार पटेल पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी।”
मोदी ने आगे कहा, “पटेल का मानना था कि इतिहास को लिखने में नहीं, बल्कि इतिहास बनाने में समय लगाना चाहिए। अगर उस समय कश्मीर का एकीकरण अन्य रियासतों की तरह हो गया होता, तो देश को दशकों तक पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती।”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की उस “गलती” को देश के लिए महंगा बताते हुए कहा कि अलग संविधान और अलग झंडा देकर कश्मीर को विशेष दर्जा देना एक बड़ी चूक थी, जिसके परिणाम देश को लंबे समय तक भुगतने पड़े।














