4 जून 2025 को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) टीम के सम्मान समारोह के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 56 से अधिक घायल हुए। इस दुखद घटना के तीन दिन बाद एक पुलिस पत्र सामने आया है, जो इस बात का खुलासा करता है कि पुलिस ने प्रशासन को पहले ही भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (विधानसभा सुरक्षा) एम.एन. करिबसवाना गौड़ा ने घटना के दिन, यानी 4 जून को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि विदान सौधा में सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है। उन्होंने लिखा था कि RCB जैसी टीम के लाखों प्रशंसक इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इकट्ठा होंगे, जिससे भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए पर्याप्त पुलिस बल, विशेष निगरानी उपकरण, और उचित सुरक्षा उपाय जरूरी थे।
पत्र में गौड़ा ने यह सुझाव भी दिया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 4 जून को सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रवेश पासों को निलंबित कर देना चाहिए था। साथ ही, सरकार कर्मचारियों को यह भी कहा जाना चाहिए था कि वे अपने परिवार के साथ कार्यक्रम में न आएं ताकि भीड़ कम हो। इसके अलावा, उन्होंने आधे दिन की छुट्टी घोषित करने की सिफारिश की थी, ताकि सचिवालय क्षेत्र में आने वाले लोगों की संख्या कम हो।
सुरक्षा के लिहाज से, उन्होंने बताया कि विदान सौधा के परिसर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था अभी पूरी तरह से नहीं हुई थी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठते थे। इसके अलावा, इस तरह बड़े आयोजन में ड्रोन्स का खतरा होता है, इसलिए एक सक्रिय एंटी-ड्रोन सिस्टम की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया था।
आयोजन के लिए एक मंच (स्टेज) बनाया जा रहा था, जिसकी संरचनात्मक और विद्युत सुरक्षा की जांच का सुझाव भी पुलिस ने दिया था, ताकि दुर्घटना या किसी अन्य असुविधा से बचा जा सके।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को शहर के बाहर से मंगाना जरूरी है, लेकिन यह एक चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि उन्हें शॉर्ट नोटिस पर व्यवस्था करनी थी। इसके अलावा, कानून-व्यवस्था और ट्रैफिक पुलिस के बीच समन्वय की भी आवश्यकता थी।
फिर भी, प्रशासन ने इन तमाम सुरक्षा खामियों और पुलिस की चेतावनियों को नजरअंदाज किया और कार्यक्रम बिना आवश्यक तैयारियों के आयोजित हुआ। इसका नतीजा भयावह भगदड़ के रूप में सामने आया, जिसने 11 लोगों की जान ले ली और कई अन्य घायल हुए।
यह घटना प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरी को उजागर करती है। भविष्य में ऐसे बड़े आयोजनों के लिए कड़े सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है ताकि इस तरह के जानलेवा हादसों से बचा जा सके।