
पाकुड़। झारखंड के पाकुड़ से पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन जालसाजों ने पहले यूट्यूब से जाली नोट छापने की तकनीक सीखी और फिर इस गोरखधंधे को अंजाम देना शुरू कर दिया। पाकुड़ के एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम गठित की गई, जिसने इस नकली नोट छापने के कारोबार में शामिल इन तीन आरोपियों को धर दबोचा। इनके पास से लगभग ₹7100 के जाली नोट और नोट छापने की मशीन सहित कई अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पाकुड़िया थाना क्षेत्र के राजपोखर निवासी बादशाह खान, गोड्डा जिला के सुंदर पहाड़ी थाना क्षेत्र के बड़ा धमनी निवासी दीपक पंडित और चमन लाल पंडित के रूप में हुई है। पाकुड़ जिला की एसपी निधि द्विवेदी ने बताया कि गिरोह का सरगना बादशाह खान है। उसने अपने दो अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर यूट्यूब पर वीडियो देखकर जाली नोट छापने की तकनीक सीखी। इसके बाद जाली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया और फिर ₹100 और ₹500 के जाली नोट छापकर उन्हें स्थानीय हाट-बाजारों में खपाने का काम करने लगा।
गिरोह से जुड़े तीन लोग गिरफ्तार
लगातार नकली नोटों के बाजारों में सर्कुलेशन की जानकारी मिलने के बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया था। गठित टीम ने इस गिरोह से जुड़े तीन लोगों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया। इसके साथ ही, इस पूरे जाली नोट के नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश और उनकी पहचान करने में भी पुलिस की टीम जुट गई है। यूट्यूब पर वीडियो देखकर नकली नोट छापने की तकनीक सीखकर और नकली नोट छापकर उसे बाजारों में खपाने वाले गिरोह के इन तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद, यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
पहले भी पुलिस ने किया था खुलासा
पाकुड़ जिले की इस घटना से पहले, झारखंड के रांची के लोअर बाजार थाना की पुलिस ने जाली नोट के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था। तब रांची के ही नामकुम क्षेत्र के रहने वाले पूर्व सैनिक सुभाष प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था। पूर्व सैनिक सुभाष प्रसाद को गिरफ्तार करने के बाद उसके घर की तलाशी भी ली गई थी, जहाँ से ₹500 के 29 जाली नोट बरामद किए गए थे। यह दिखाता है कि राज्य में नकली नोटों का कारोबार काफी सक्रिय है और पुलिस लगातार इस पर नकेल कसने का प्रयास कर रही है।














