
महापर्व छठ का उल्लास पूरे झारखंड सहित देश के कई राज्यों में देखने को मिला। लेकिन जहां एक ओर श्रद्धालु भगवान भास्कर की आराधना में लीन थे, वहीं दूसरी ओर कई परिवारों के घर मातम में बदल गए। जलाशयों में नहाने या अर्घ्य देने के दौरान हुई दर्दनाक घटनाओं में झारखंड में अब तक 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, पड़ोसी राज्य बिहार में भी 83 लोगों के डूबने से मौत की खबर है।
झारखंड में सबसे अधिक हादसे गिरिडीह जिले में हुए, जहां सात लोगों की जान चली गई। इसके अलावा हजारीबाग और सिमडेगा में चार-चार, जमशेदपुर के चांडिल में तीन, कोडरमा और देवघर में दो-दो, जबकि गढ़वा, चतरा और रांची में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई।
हजारीबाग के कटकमसांडी इलाके में एक तालाब में डूबने से दो सगी बहनों सहित चार लोगों की जान चली गई। वहीं सिमडेगा जिले के बानो क्षेत्र में भी चार नाबालिग बच्चियां डूबने से काल के गाल में समा गईं। चतरा जिले के दानरो नदी के छठ घाट पर पूजा के दौरान एक किशोर की मौत हो गई, जबकि प्रतापपुर क्षेत्र में अर्घ्य अर्पण करते समय एक अधेड़ व्यक्ति डूब गया। कोडरमा जिले में भी अलग-अलग जगहों पर 24 घंटे के भीतर दो लोगों की मौत दर्ज की गई।
गिरिडीह जिले में जमुआ प्रखंड के धीरोसिंगा गांव के दिलीप राय, नवडीहा ओपी क्षेत्र की अंशु कुमारी, धनवार प्रखंड के चितरडीह गांव के नंदलाल साव, दशरोडीह के धीरज कुमार और बिरनी प्रखंड के पिपराडीह गांव में एक मासूम बच्चे की डूबने से मौत हो गई। अन्य कई स्थानों से भी इसी तरह की दुखद घटनाओं की सूचना मिली है।
छठ पूजा, जो सूर्योपासना और पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है, इस बार कई परिवारों के लिए शोक का कारण बन गई। राज्य प्रशासन ने सभी जिलों को सतर्क रहने और नदी-तालाबों के किनारे सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।














