
130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक बहस जोर पकड़ती जा रही है। विपक्ष लगातार इसके खिलाफ तीखे बयानों के साथ खड़ा है। उनका मानना है कि यह कानून केवल एक तानाशाही कदम है। इसी बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को इस विधेयक पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की।
सोरेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार देश को ‘‘कमजोर और विभाजित’’ करने वाले फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि विकास और मजबूती के दावे केवल बीजेपी नेताओं के भाषणों तक सीमित रह गए हैं, जबकि वास्तविक कामकाज में इसका असर दिखाई नहीं देता।
SIR पर हेमंत सोरेन की टिप्पणी
मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी प्रकाश डाला। सोरेन ने कहा, ‘‘सभी देख रहे हैं कि संविधान में किस तरह के संशोधन किए जा रहे हैं। SIR पर काम जारी है और जनता को इसका प्रभाव समझना जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि इन फैसलों का उद्देश्य लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना है। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सोरेन ने यह भी कहा कि विकास की बातें अब केवल राजनीतिक भाषणों में ही सीमित रह गई हैं, जबकि असल में जनता तक इसका कोई लाभ नहीं पहुंच रहा।
INDIA गठबंधन का विरोध प्रदर्शन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता सोमवार सुबह विधानसभा के बाहर बिहार में चल रहे SIR और 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने पहुंचे।
इस विधेयक के तहत यह प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन या उससे अधिक समय तक जेल में रहे, तो वे अपने पद पर बने नहीं रह सकते। विपक्ष का आरोप है कि यह कानून राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को कमजोर करने का उपकरण बन सकता है।
राहुल गांधी की यात्रा पर हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘वोटर अधिकार यात्रा’’ की सराहना करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि देश को ‘‘केंद्र सरकार के कुकृत्यों’’ से अवगत कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हम जनता द्वारा चुने गए हैं, इसलिए सीधे जनता तक जाना सबसे उचित तरीका है। जनता की अदालत ही देश की सबसे बड़ी अदालत है।’’
सोरेन के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि आने वाले समय में केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव और गहरा सकता है।














