
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर के टीआरसी ग्राउंड में मंगलवार को हुई घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि युवाओं को राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने के आरोप में हिरासत में लेना गलत है और यह दिखाता है कि "बंदूक की नोक पर देशभक्ति नहीं सिखाई जा सकती।"
क्या हुआ था मैदान में?
मंगलवार शाम को श्रीनगर में पुलिस शहीद फुटबॉल टूर्नामेंट के दौरान करीब 15 दर्शकों को हिरासत में लिया गया। आरोप यह था कि वे राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए। टूर्नामेंट के फाइनल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "आजकल लोग बंदूक की नोक पर राष्ट्रगान के लिए खड़े किए जाते हैं। लेकिन जब मैं स्कूल में थी, हम बच्चे स्वयं राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े हो जाते थे। किसी ने हमें मजबूर नहीं किया था। अब इसे मजबूरी बनाना उनकी असफलता का प्रतीक है।" उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि हिरासत में लिए गए युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए।
दर्शकों के परिवारों की बात
परिवारों का कहना है कि हिरासत में लिए गए युवक अनजाने में ऐसा कर बैठे, क्योंकि बैंड की आवाज़ कम और अस्पष्ट थी। उन्हें यह पता ही नहीं चला कि राष्ट्रगान शुरू हो गया है। हिरासत के बाद युवकों को स्थानीय पुलिस थाने ले जाया गया, जहां से उनके परिवारों को सूचित किया गया।
टीआरसी फाइनल मैच का महत्व
यह टूर्नामेंट पुलिस शहीदों की स्मृति में आयोजित किया गया था। मैच में स्थानीय युवा और खेल प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल हुए। मैच के दौरान राष्ट्रगान बजाया गया, और कुछ दर्शकों द्वारा खड़े न होने को आयोजकों ने अनादर माना।














