
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। डोडा ज़िले में बादल फटने की घटना ने तबाही का मंजर खड़ा कर दिया है। कई घरों के बह जाने और मलबे के नीचे दब जाने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हालात की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि स्थिति चिंताजनक है और वह खुद हर पल की जानकारी ले रहे हैं।
यातायात ठप, लोगों से एहतियात बरतने की अपील
डोडा के कमिश्नर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि तेज बारिश, भूस्खलन और पहाड़ों से गिरते पत्थरों ने हालात और कठिन बना दिए हैं। जंगलगवार नाले के पास एनएच-244 (डोडा–किश्तवाड़ मार्ग) का बड़ा हिस्सा बह जाने के कारण यातायात पूरी तरह रुक गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क की बहाली तक यात्रा से परहेज करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
#WATCH | Doda, Jammu and Kashmir | Continuous heavy rainfall across Doda district has triggered landslides, mudslides, and shooting stones, leading to the closure of several link roads as well as stretches of the national highway. pic.twitter.com/0EuHmW5XNu
— ANI (@ANI) August 26, 2025
सीएम उमर अब्दुल्ला का ऐलान – “तुरंत पहुंच रहा हूं जम्मू”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू के कई इलाकों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मैं खुद मौके पर जाकर स्थिति का जायज़ा लूंगा और श्रीनगर से अगली फ्लाइट से जम्मू रवाना हो रहा हूं। आपातकालीन कामों के लिए उपायुक्तों (DCs) को अतिरिक्त फंड जारी कर दिया गया है, ताकि राहत और बहाली कार्यों में देरी न हो।”
पहले भी हो चुकी है तबाही
यह पहली बार नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से बड़ी त्रासदी सामने आई हो। हाल ही में 14 अगस्त को किश्तवाड़ ज़िले के चशोती इलाके में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। उस हादसे में कई घर मलबे में तब्दील हो गए थे और कम से कम 65 लोगों की जान चली गई थी।














