
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार से संवेदनाएँ व्यक्त करने के लिए मुलाकात की। हवाई अड्डे पर उतरने के बाद गांधी सुबह करीब 11 बजे कुमार के चंडीगढ़ स्थित आवास पहुंचे। उन्होंने परिवार से मिलकर दुख प्रकट किया और पूरन कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राहुल गांधी ने कहा, "यह अत्यंत दुखद घटना है। वाई पूरन कुमार एक सरकारी अधिकारी थे और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उनसे वादा किया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शुरू की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह वादा तीन दिन पहले किया गया था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ। उनके दोनों बेटियों पर इस स्थिति का भारी मानसिक दबाव है।"
विपक्ष का सरकार पर निशाना और कार्रवाई की मांग
आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को हरियाणा सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सरकार से मांग की कि अधिकारी के "अंतिम नोट" और उनके उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए।
अंतिम संस्कार और पोस्टमार्टम विवाद
कुमार के परिवार ने अब तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी है। लगभग सात दिन बीत चुके हैं और परिवार ने सहमति देने से इनकार किया है। कथित अंतिम नोट में, जिसमें आठ पृष्ठ शामिल हैं, उन्होंने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया समेत आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर "जाति आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार" का आरोप लगाया।
परिवार की गिरफ्तारी की मांग
अधिकारी की पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अमनीत पी कुमार ने स्पष्ट किया है कि पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले आरोपियों—कपूर और बिजारनिया—के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। परिवार ने अपनी मांग पूरी किए बिना पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की अनुमति देने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि दोषियों की गिरफ्तारी होने तक वे किसी भी प्रकार की औपचारिक प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे।














