
अगर आप द्वारका या सोमनाथ जैसी पवित्र और दर्शनीय जगहों की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। आने वाले दिनों में आपकी यह यात्रा अब और भी आरामदायक और तेज़ हो सकती है। दरअसल, गुजरात सरकार ने 'नमो शक्ति एक्सप्रेसवे' और 'सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे' को हरी झंडी दे दी है।
इस फैसले से उन लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी जो लंबे समय से यहां तक पहुंचने में असुविधा महसूस करते थे। अनुमान है कि छह महीने के भीतर इस परियोजना के टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा। इसके बन जाने से अहमदाबाद से सोमनाथ की दूरी महज 4 घंटे में तय की जा सकेगी—जो कि अब तक एक लंबी और थकाने वाली यात्रा मानी जाती थी।
इतना ही नहीं, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से सफर के समय में करीब 30% तक की कटौती होगी, जिससे यात्रियों को समय और ऊर्जा दोनों की बचत होगी।
बजट में किया गया था ऐलान, अब ज़मीनी हकीकत बनने की तैयारी में
आपको याद दिला दें कि इन दोनों मेगा एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की घोषणा इस साल के बजट में की गई थी। अब जब इसे औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है, तो उम्मीद है कि अगले छह महीने में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, जो कि 36 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना है।
सरकार इस परियोजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित करेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस परियोजना की समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द ज़मीनी काम शुरू किया जाए।
राज्य के कनेक्टिविटी नेटवर्क को मिलेगी नई उड़ान
इन एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य गुजरात के पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण संपर्क को सशक्त बनाना है। यह सिर्फ यात्रा ही नहीं, बल्कि राज्य के आर्थिक और पर्यटन विकास की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।
पर्यटकों और व्यवसायियों को होगी खास सहूलियत
इन नए एक्सप्रेसवे से अंबाजी, धरोई, पोलो फॉरेस्ट, मोढेरा, बेचराजी, जामनगर, द्वारका, पोरबंदर और सोमनाथ जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यटन से जुड़े व्यवसायों को भी नई रफ्तार मिलेगी।
साथ ही बावला, साणंद, राजकोट-शापर, पोरबंदर-कोडिनार और धोलेरा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच भी आसान हो जाएगी, जिससे स्थानीय व्यापार और निवेश को बल मिलेगा।
जानिए दो मेगा एक्सप्रेसवे की खास बातें
सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे: अनुमानित लागत – ₹57,120 करोड़
नमो शक्ति एक्सप्रेसवे: अनुमानित लागत – ₹36,120 करोड़
कुल लागत: ₹93,240 करोड़
कुल लंबाई: 1,110 किलोमीटर
जिले जो होंगे सीधे तौर पर कनेक्ट: अमरेली, बोटाद, सुरेन्द्रनगर, पाटण, बनासकांठा, अहमदाबाद, राजकोट, मोरबी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़ और गिर सोमनाथ।
सुविधाओं से भरपूर होगा ये एक्सप्रेसवे नेटवर्क
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेसवे पर 42 इंटरचेंज बनाए जाएंगे। इसके अलावा, हर 50 किलोमीटर पर आरामदायक पार्किंग, साफ-सुथरे शौचालय, गुणवत्तापूर्ण भोजन व पेय पदार्थ की दुकानें, ईंधन स्टेशन, मेडिकल सुविधाएं और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं भी उपलब्ध होंगी।
इतना ही नहीं, एक्सप्रेसवे पर ओवरपास और अंडरपास का भी निर्माण किया जाएगा ताकि वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा सके—जो पर्यावरण संतुलन के लिहाज़ से एक सराहनीय प्रयास है।














