
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का दौरा कल गुरुवार को प्रस्तावित है, जिसकी शुरुआत मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन और पूजा-अर्चना से होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। यह दौरा खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का नवरात्र के दौरान शक्तिपीठों के प्रति आस्था का यह दूसरा बड़ा सार्वजनिक प्रकटीकरण होगा। इससे पहले नवरात्रा के पहले दिन, 21 सितंबर को उन्होंने त्रिपुरा राज्य के गोमती जिले स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां त्रिपुरेश्वरी के मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। वहां उन्होंने केन्द्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत बने 51 करोड़ की लागत वाले नव-निर्मित भवन का लोकार्पण भी किया था।
अब नवरात्र के चौथे दिन, यानी 25 सितंबर को प्रधानमंत्री पहली बार राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा में स्थित मां त्रिपुरा सुंदरी के मंदिर में दर्शन करने जा रहे हैं। यह दौरा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा के जनसंपर्क अभियान के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मंदिर दर्शन के बाद प्रधानमंत्री कुछ और जनसभाएं या घोषणाएं भी कर सकते हैं, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति को बल मिलेगा।
गडकरी और मेनका गाँधी को बनाया जा सकता है राज्यपाल
इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा देश के पांच नए राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति की तैयारी भी लगभग अंतिम दौर में बताई जा रही है। भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है। वहीं, दो मौजूदा राज्यपालों का कार्यक्षेत्र बदलने पर भी विचार चल रहा है, यानी उन्हें दूसरे राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी राज्यपाल पद की दौड़ में सुर्खियों में है। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि विपक्षी नेताओं के आरोपों से घिरे गडकरी को राज्यपाल बनाकर एक तरह से उन्हें निष्क्रिय भूमिका में भेजा जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि गडकरी के बेटों की इथेनॉल निर्माण कंपनियों – निखिल गडकरी की IAN Agro Industries और सारंग गडकरी की Manas Agro Industries – ने एक साल में 18 करोड़ से बढ़कर 523 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है।
इन आरोपों के बीच नितिन गडकरी ने नागपुर के एक कार्यक्रम में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें बदनाम करने के लिए कुछ ताकतें पैसे खर्च कर मीडिया और सोशल मीडिया पर अभियान चला रही हैं। गडकरी ने साफ किया कि उनका लक्ष्य राजनीति से पैसा कमाना नहीं है, बल्कि किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र में 10 हजार से ज्यादा किसानों की आत्महत्या बेहद शर्मनाक है और इसे तभी रोका जा सकता है जब किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें।
उन्होंने यह भी बताया कि उनके बेटे व्यापार जगत में सक्रिय हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करते हैं। निखिल और सारंग गडकरी से जुड़े कारोबार ईरान से सेब का आयात, भारत से केले और मछली का निर्यात, आईटीसी के साथ मिलकर चावल मिल संचालन, ऑस्ट्रेलिया में मिल्क पाउडर फैक्ट्री और अबूधाबी में माल का निर्यात जैसे अनेक क्षेत्रों में फैले हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके बेटों का सालाना कारोबार 1100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।
प्रधानमंत्री मोदी का शक्तिपीठों की यात्रा, राज्यपालों की नियुक्तियों की तैयारी और नितिन गडकरी से जुड़े विवादों का यह पूरा घटनाक्रम नवरात्र जैसे धार्मिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील समय में काफी कुछ संकेत दे रहा है।














