विदेश यात्रा से लौटे सर्वदलीय डेलिगेशन में शामिल कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं ने कल (मंगलवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उनकी विदेश नीति, नेतृत्व और भारत की छवि को लेकर खुलकर तारीफ की। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण भारत से प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपने पिछले 11 वर्षों में विदेश दौरों से क्या-क्या अर्जित किया, इसका असली असर हमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महसूस हुआ। हमें यह समझ में आया कि आपने न केवल भारत का नाम रोशन किया बल्कि वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
वहीं, एक अन्य वरिष्ठ नेता ने भी प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार, विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस तरह के डेलिगेशन को विदेशों में भेजना चाहिए ताकि भारत की व्यापक और एकजुट तस्वीर प्रस्तुत की जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पहल की सराहना की और सभी दलों के नेताओं की तारीफ की जो पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विदेशों में देश के पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत कर रहे हैं।
डेलिगेशन में कांग्रेस के 5 दिग्गज नेता भी शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार शाम को सात सदस्यीय सर्वदलीय डेलिगेशन से मुलाकात की थी, जिन्होंने आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया। इस डेलिगेशन ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद 33 देशों का सफल दौरा किया। डेलिगेशन में कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेता शामिल थे: शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह, सलमान खुर्शीद और आनंद शर्मा, जिन्होंने वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
33 देशों में हुआ भारत का मजबूत प्रतिनिधित्व
भारत सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक जनमत तैयार करने और पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए सर्वदलीय डेलिगेशन को 33 अलग-अलग देशों में भेजा। इन डेलिगेशन का नेतृत्व सात प्रमुख सांसदों ने किया: भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस से शशि थरूर, जदयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) से श्रीकांत शिंदे। इन सभी नेताओं ने एक स्वर में भारत के पक्ष को प्रामाणिकता और प्रभावशीलता से प्रस्तुत किया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
गौरतलब है कि 7 मई को भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, जिसका मकसद 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले का बदला लेना था। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए एक सख्त सैन्य कार्रवाई की, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इस ऑपरेशन के बाद भारत ने वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के विरुद्ध अपनी मजबूत नीति का स्पष्ट संदेश दिया।