नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। 2014 में किए गए बड़े-बड़े चुनावी वादों को याद दिलाते हुए खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल ने देश को बदहाल कर दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार के शासन को ‘अच्छे दिन’ की जगह ‘डरावने सपने’ के समान बताया और 7 महत्वपूर्ण बिंदुओं के जरिए मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, “26 मई 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार ने वादों को खोखले दावों में बदल दिया है। 140 करोड़ देशवासियों के हर वर्ग को परेशान करके ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदें टूट गईं और एक डरावना सपना बन गई हैं।”
उन्होंने युवाओं को दी गई नौकरी के वादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सालाना दो करोड़ नौकरियों का वादा करके सरकार ने लाखों युवाओं को बेरोज़गारी के हाथों छोड़ा है। किसानों के लिए आय दोगुनी करने का जो वादा था, वह भी पूरा नहीं हुआ और इसके बदले किसानों को रबर बुलेट जैसी हिंसा झेलनी पड़ी। महिला आरक्षण को लेकर भी सरकार के वादे अधूरे रहे, जिससे महिलाओं की सुरक्षा संदिग्ध हो गई है।
खड़गे ने कमजोर वर्गों जैसे एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों का उल्लेख किया और कहा कि उनकी हिस्सेदारी लगातार खत्म होती जा रही है।
आर्थिक मोर्चे पर खड़गे ने कहा कि देश महंगाई की चरम सीमा पर पहुंच चुका है, बेरोज़गारी बेकाबू है, उपभोग ठप्प पड़ा है, और ‘मेक इन इंडिया’ पहल पूरी तरह से नाकाम रही है। उन्होंने देश में आर्थिक असमानता को भी गंभीर चिंता का विषय बताया।
विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार के वादे के विपरीत, भारत ने विश्वगुरु बनने के बजाय कई देशों के साथ अपने रिश्ते खराब कर लिए हैं।
उन्होंने देश के लोकतांत्रिक संस्थानों पर भी आरोप लगाया कि आरएसएस की नीतियों के कारण स्वतंत्रता और संस्थानों की स्वायत्तता खत्म हो रही है। उन्होंने ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का भी हवाला देते हुए कहा कि यह सब लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।
अंत में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “11 सालों में मोदी सरकार ने 140 करोड़ देशवासियों के लिए जो ‘कमल का निशान’ था, वह अब चिंता और असहजता का निशान बन गया है।”