वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की आर्थिक वृद्धि घटकर 6.5% रह गई, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। हालांकि, मार्च तिमाही (Q4) में GDP में 7.4% की तेज़ वृद्धि दर्ज की गई, जो साल की सबसे ऊंची तिमाही दर रही। कृषि और निर्माण क्षेत्र में मजबूती देखने को मिली, जबकि विनिर्माण में गिरावट रही। कमजोर मांग और वैश्विक अनिश्चितता के कारण समग्र वृद्धि दर में सुस्ती आई है। फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है।
हालांकि पूरे वित्त वर्ष की वृद्धि दर में सुस्ती देखी गई, लेकिन अंतिम तिमाही यानी मार्च 2025 तिमाही (Q4) में अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया। इस अवधि में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.4% रही, जो कि वर्ष की चारों तिमाहियों में सबसे तेज़ रही।
सरकारी बयान के अनुसार, "FY25 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही है, जबकि नाममात्र जीडीपी में 9.8% की वृद्धि देखी गई।" पहले इसका अनुमान 9.9% लगाया गया था, जिसे अब थोड़ा घटाया गया है।
तीसरी तिमाही में भी सुधार देखा गया, जहां वृद्धि दर 6.2% रही, जो पहले 5.6% अनुमानित थी। इससे यह स्पष्ट है कि भारत वैश्विक स्तर पर अब भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि भारत वर्ष के अंत तक जापान को पीछे छोड़ते हुए $4.18 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
मार्च तिमाही में नाममात्र जीडीपी वृद्धि 10.8% रही। हालांकि सकल मूल्य वर्धन (GVA) वृद्धि 6.8% पर सीमित रही, जो अपेक्षाकृत धीमी है। कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज के अनुसार, “उच्च अप्रत्यक्ष कर संग्रह के कारण जीडीपी और GVA में अंतर देखने को मिला है।”
हाल के महीनों में प्राप्त उच्च आवृत्ति डेटा यह संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी अस्थिर बनी हुई है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लिए कम मुद्रास्फीति और धीमी वृद्धि दर के चलते जून नीति बैठक में 25 आधार अंकों की दर कटौती की संभावना बनी हुई है।
उपभोग व्यय में भी सुधार देखा गया है। FY25 में निजी खपत 7.2% बढ़ी, जो पिछले वर्ष की 5.6% वृद्धि से अधिक है। यह ग्रामीण मांग में मजबूती, खाद्य मूल्य में नरमी और त्योहारों के दौरान अधिक खर्च से संभव हो पाया।
कृषि क्षेत्र ने भी FY25 में 4.6% की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष के 2.7% की तुलना में अधिक है। मार्च तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 5.4% रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह केवल 0.9% थी।
निर्माण क्षेत्र ने FY25 में 9.4% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जो पिछले साल के 10.4% से थोड़ी कम है। हालांकि, Q4 में इस क्षेत्र ने 10.8% की वृद्धि दर्ज की, जो Q4 FY24 के 8.7% से अधिक है।
वहीं, विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती रही। FY25 में यह क्षेत्र केवल 4.5% की दर से बढ़ा, जबकि पिछले वर्ष यह दर 12.3% थी। Q4 FY25 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.8% रही, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 11.3% थी।