दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने हुए 100 दिनों से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को अब जाकर आधिकारिक रूप से सरकारी बंगला आवंटित किया गया है। जैसे ही यह आवंटन हुआ, आम आदमी पार्टी ने इस पर तीखा राजनीतिक हमला करते हुए इसे ‘माया महल’ करार दे दिया।
आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल झा ने कहा कि दिल्ली और केंद्र में जो वर्तमान में सत्तारूढ़ दल है, उसकी विचारधारा हमेशा 'सादा जीवन, उच्च विचार' की रही है। हम सबने यह भाषण बार-बार सुना है कि राजनीति मूल्य आधारित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछली सरकारों पर भव्यता और विलासिता के आरोप लगाए थे, यह कहते हुए कि उन्हें इन सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब खुद सत्ता में आए हैं, तो इनका व्यवहार पूरी तरह बदल गया है। पिछले दो-तीन महीनों में जो हुआ है, उसे जनता को समझने की जरूरत है।
दो बंगले, 45 सुरक्षा अधिकारी और हाई-एंड सुविधाएं
अनिल झा ने आरोप लगाया कि रेखा गुप्ता को दो बंगले – 1/8 और 2/8, राज निवास मार्ग पर – आवंटित किए गए हैं। इनमें से एक में 15 कमरे हैं और दूसरे में 30 कमरे। इन बंगलों के नवीनीकरण (रिनोवेशन) का आदेश पहले ही जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही, 62 KVA के 14 जनरेटर लगाए जाएंगे ताकि बिजली जाने की स्थिति में बैकअप मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के दीनदयाल शोध संस्थान के प्रमुख प्रचारकों के सहयोग से यह तय किया गया कि मुख्यमंत्री को 30 करोड़ रुपये का बंगला दिया जाए। झा ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अब दिल्ली माया महल से चलेगी।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पर भी निशाना
अनिल झा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी घेरा और कहा कि वे 60 कमरों वाले रंग महल में रहते हैं, लेकिन इस पर कभी कोई चर्चा नहीं होती।
झुग्गियों और पटरियों को लेकर आरोप
आगे बोलते हुए झा ने कहा कि जिस 'सूचिता की राजनीति' की बात भाजपा करती थी, वह अब 13 महंगी गाड़ियों के काफिले और 45 सुरक्षा अधिकारियों तक सीमित रह गई है। अब 30 कमरों का ‘माया महल’ मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित किया गया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब पार्टी 'अंत्योदय' की बात करती है, तो क्या यही अंत्योदय है? उन्होंने कहा कि गरीबों की झुग्गियों को उजाड़ा जा रहा है, पटरी-ठेला वालों को हटाया जा रहा है, जो दिन भर में ₹300-400 ही कमा पाते हैं। उन्होंने लाजपत नगर, सरोजिनी नगर और जंगपुरा के उदाहरण दिए, जहां लोगों की रोजी-रोटी पर सीधा असर पड़ा है।
आखिर में उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री सरकार के पैसों का दुरुपयोग कर रही हैं और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।