
दिल्ली के धौला कुआं इलाके में 14 सितंबर को हुए बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट ने राजधानी को हिला कर रख दिया था। इस सड़क दुर्घटना में वित्त मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर पद पर कार्यरत नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। हादसे के बाद कार चला रही महिला गगनप्रीत कौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब इस मामले में कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत प्रदान कर दी है।
कोर्ट का फैसला और शर्तें
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कर दिया कि गगनप्रीत को केवल सशर्त जमानत दी जा रही है। उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहाई मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही उनका पासपोर्ट पुलिस को सौंपना अनिवार्य होगा। अदालत ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि वह देश छोड़कर फरार न हो सकें। हालांकि केस की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी और अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए निगरानी कड़ी रखी जाएगी।
कैसे हुआ था हादसा?
14 सितंबर 2025 की रात नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारे से घर लौट रहे थे। तभी धौला कुआं इलाके में तेज रफ्तार से आती गगनप्रीत की बीएमडब्ल्यू कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और पलट गई। इसी दौरान कार की चपेट में नवजोत सिंह की बाइक भी आ गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि नवजोत सिंह पास से गुजर रही बस से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में उनकी पत्नी भी जख्मी हुई थीं।
हादसे के बाद की घटनाएं
हैरानी की बात यह रही कि दुर्घटना के तुरंत बाद गगनप्रीत ने नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को वहां से करीब 19 किलोमीटर दूर एक अस्पताल पहुंचाया। इस दूरी को लेकर पुलिस और परिजनों दोनों ने सवाल खड़े किए थे कि पास के हॉस्पिटल ले जाने के बजाय उन्हें इतनी दूर क्यों ले जाया गया। बाद में पुलिस ने गगनप्रीत को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
जमानत मिलने के बाद
अब गगनप्रीत को जमानत मिल चुकी है, लेकिन अदालत के आदेशानुसार उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और हर सुनवाई पर हाजिर रहना होगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस केस को गंभीरता से सुना जाएगा और जांच पूरी होने तक आरोपी पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।














