
नई दिल्ली: राजधानी की हवा को साफ करने और बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली की सीमाओं में केवल BS-VI मानक वाले कॉमर्शियल गुड्स वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे। यह आदेश वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और दिल्ली परिवहन विभाग के संयुक्त निर्देशों के बाद लागू किया गया है। इस नए कदम का उद्देश्य है कि राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को कम किया जाए।
दिल्ली में गैर-BS-VI वाहनों की एंट्री पर रोक
CAQM द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, दिल्ली के बाहर पंजीकृत वे सभी कॉमर्शियल गुड्स वाहन जो BS-VI उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करते, उन्हें अब राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। परिवहन विभाग ने कहा है कि यह निर्णय सर्दियों के मौसम में प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि हर साल अक्टूबर से जनवरी के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है।
सीमित समय के लिए छूट
हालांकि, सरकार ने कुछ वाहनों को अस्थायी राहत दी है। BS-IV मानक वाले व्यावसायिक वाहन केवल 31 अक्टूबर 2026 तक सीमित अवधि के लिए दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। यह छूट एक संक्रमणकालीन व्यवस्था के तहत दी गई है ताकि वाहन मालिकों को BS-VI मानक अपनाने का समय मिल सके। इसके अलावा, दिल्ली में पंजीकृत कॉमर्शियल वाहनों, BS-VI डीजल वाहनों, CNG, LNG, या इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) रहेगा लागू
दिल्ली में लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत, प्रदूषण के स्तर के अनुसार वाहनों पर नियंत्रण जारी रहेगा। जब भी वायु गुणवत्ता किसी विशेष स्तर से नीचे जाएगी, उस स्थिति के अनुरूप वाहन प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। 17 अक्टूबर को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में CAQM ने यह निर्णय लिया कि प्रदूषण फैलाने वाले पुराने व्यावसायिक वाहनों को दिल्ली से दूर रखा जाएगा, ताकि आने वाले महीनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
विशेषज्ञों के मुताबिक, BS-VI मानकों वाले वाहन पुराने मॉडलों की तुलना में कहीं अधिक स्वच्छ और कम प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं। इससे न केवल पार्टिकुलेट मैटर (PM) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसे हानिकारक तत्वों में कमी आएगी, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हर साल दिल्ली में सर्दियों के दौरान वाहन उत्सर्जन, पराली जलाने और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण हवा जहरीली हो जाती है। ऐसे में यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सरकार का ठोस कदम माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि अगर नागरिक सहयोग करें और स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को प्राथमिकता दें, तो आने वाले समय में दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सकता है।














