
नई दिल्ली। संसद भवन आज राजनीतिक जंग का केंद्र बना हुआ है। देश के 14वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे से मतदान शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला वोट डालकर इस प्रक्रिया का शुभारंभ किया। उनके बाद कांग्रेस की सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई दिग्गज नेताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा और उसके बाद 6 बजे से मतगणना शुरू होगी। देर रात तक देश को नया उपराष्ट्रपति और राज्यसभा का नया सभापति मिल जाएगा।
उपराष्ट्रपति पद पर नया मुकाबला
यह चुनाव 21 जुलाई को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद हो रहा है। उनके पदत्याग ने देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर नया राजनीतिक संघर्ष खड़ा कर दिया। इस बार का मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक (INDIA) के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है।
उम्मीदवारों का परिचय
68 वर्षीय सी. पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वे गोंडर-कोंगु वेल्लालर ओबीसी समुदाय से आते हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं।
वहीं, 79 वर्षीय जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना से सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं। वे छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम पर दिए गए फैसले और कालेधन की जांच से जुड़े मामलों पर अपने महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए जाने जाते हैं।
संख्याबल का गणित
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में कुल 781 सांसद (238 राज्यसभा और 542 लोकसभा) शामिल हैं। हालांकि बीआरएस और बीजद ने मतदान से दूरी बना ली है, जिसके बाद प्रभावी संख्या 770 हो गई है और बहुमत का आंकड़ा 386 तय हुआ है।
एनडीए के पास कागजों पर 425 सांसदों का समर्थन है। इसमें वाईएसआर कांग्रेस और संभवतः आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल का समर्थन भी जुड़ सकता है। इस तरह एनडीए की कुल ताकत लगभग 436 मानी जा रही है।
दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक के पास 324 सांसदों का समर्थन है। हालांकि कुछ निर्दलीय और छोटे दलों के सांसद किस ओर झुकेंगे, यह स्पष्ट नहीं है।
मतदान की प्रक्रिया
मतदान गुप्त मतदान के जरिए होता है और इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अंतर्गत सिंगल ट्रांसफरेबल वोट की पद्धति अपनाई जाती है। सांसद अपनी पसंद के क्रम में उम्मीदवारों के नाम अंकित करते हैं। यदि किसी बैलेट पेपर पर चिह्न अस्पष्ट हो, तो वह अमान्य माना जाता है।
जिन सांसदों को न्यायिक हिरासत में रखा गया है, जैसे शेख अब्दुल राशिद और अमृतपाल सिंह, वे डाक मतपत्र के जरिए वोट डाल रहे हैं।
नेताओं के संदेश और दावे
मतदान से पहले दोनों उम्मीदवारों ने अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।
जस्टिस रेड्डी ने कहा कि वे लोगों की अंतरात्मा जगाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, सी. पी. राधाकृष्णन ने इस चुनाव को "भारतीय राष्ट्रवाद" और "विकसित भारत" की दृष्टि की जीत बताया।
पिछली बार और इस बार
2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था। इस बार हालांकि एनडीए के पास संख्याबल में बढ़त है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि जीत का अंतर अपेक्षाकृत कम (100 से 125 वोट) रह सकता है। इसका कारण विपक्षी INDIA गठबंधन की मजबूत उपस्थिति और गुप्त मतदान में क्रॉस-वोटिंग की संभावना है।
क्यों अहम है यह चुनाव
उपराष्ट्रपति न केवल देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठते हैं, बल्कि वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। ऐसे में चुनाव परिणाम केवल संख्याओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह संसद में आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच शक्ति संतुलन का भी संकेत देगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विपक्षी उम्मीदवार को अपेक्षा से अधिक वोट मिले, तो यह INDIA ब्लॉक के मनोबल को बढ़ा सकता है और संसद के आगामी सत्रों में उनके लिए राजनीतिक मजबूती का कारण बन सकता है।
आज का दिन भारतीय राजनीति के लिए बेहद अहम है। शाम तक यह तय हो जाएगा कि देश का 14वां उपराष्ट्रपति कौन होगा। फिलहाल संख्याबल के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन गुप्त मतदान और संभावित क्रॉस-वोटिंग इस मुकाबले को दिलचस्प बना सकते हैं।














