
बिहार की सियासी गलियारों में चुनावी उथल-पुथल बढ़ती जा रही है। इस बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने NDA पर तीखे आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो गुजराती नेता बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कई असंवैधानिक और गुप्त गतिविधियों में लिप्त हैं। तेजस्वी यादव ने इस मामले में सीधे तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिया और एनडीए खेमे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में कहा कि प्रथम चरण के मतदान के बाद एनडीए के भीतर मायूसी का माहौल है। हार के डर से गृहमंत्री अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर और फोन के माध्यम से दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई होटलों में अधिकारियों को देर रात बुलाकर CCTV बंद करवा दिया गया और महाभ्रष्ट अधिकारी बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के ED के चंगुल में फंसे अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि महागठबंधन के कार्यकर्ताओं और समर्थित मजबूत बूथों को वोटिंग के दिन तक डिस्टर्ब किया जाए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार के ईमानदार अधिकारी अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं और उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं आना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि दो गुजराती नेता बिहार पर कब्जा करना चाहते हैं और इसे अपना उपनिवेश बनाना चाहते हैं।
उन्होंने आगे जनता से अपील करते हुए कहा कि बिहार की जनता अब संवैधानिक नियमों का उल्लंघन करने वाले नेताओं को सबक सिखाने के लिए तैयार है। जनता हर प्रकार की वोट चोरी और लोकतंत्र की अवमानना को रोकने के लिए सजग और सक्रिय है। तेजस्वी यादव ने कहा, "गणतंत्र की जननी बिहार में किसी भी प्रकार की वोट चोरी नहीं चलेगी। जनता हर स्तर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए खड़ी है। जय हिंद! जय बिहार!"














