
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद लालू परिवार और आरजेडी राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने चुनाव में मिली हार के तुरंत बाद परिवार और राजनीति दोनों से दूरी बनाने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने अपने एक्स (X) अकाउंट पर संजय यादव और रमीज पर आरोप लगाए, जिसके बाद सवाल उठे कि संजय यादव हैं कौन।
संजय यादव कौन हैं?
संजय यादव एक राजनीतिक सलाहकार, राजनेता और राज्यसभा सांसद हैं। वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सदस्य हैं और बिहार से राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। हरियाणा के रहने वाले संजय यादव आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार माने जाते हैं।
संजय यादव ने राजनीतिक करियर की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। उन्होंने पहले अखिलेश यादव और उनके दल के लिए रणनीति और सलाहकार का काम किया। साल 2012 में संजय यादव आरजेडी में शामिल हुए और धीरे-धीरे पार्टी में अपनी पकड़ मजबूत की।
क्यों चर्चा में हैं संजय यादव?
संजय यादव इस समय चर्चा में इसलिए हैं क्योंकि 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। माना जाता है कि पार्टी की चुनावी रणनीति और सीटों के बंटवारे की जिम्मेदारी संजय यादव पर थी। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव उन्हें ‘जयचंद’ कहकर बुलाते हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, संजय यादव ने लालू यादव को सुझाव दिया था कि तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से अलग करना चाहिए। यही कारण है कि परिवार में दरार और सियासी असंतोष की वजह संजय यादव को बताया जा रहा है।
आरजेडी के रणनीतिकार के रूप में भूमिका
संजय यादव आरजेडी के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। वे सीट बंटवारा, उम्मीदवारों का चयन और चुनाव की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन्हें अक्सर पार्टी का ‘चाणक्य’ कहा जाता है।
हालांकि, इस बार आरजेडी तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई, और खराब प्रदर्शन के कारण उनकी रणनीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं। संजय यादव इस चुनाव के परिणाम और पार्टी में पैदा हुई खटास के कारण चर्चा में लगातार बने हुए हैं।
इस तरह, संजय यादव न केवल तेजस्वी यादव के करीबी सलाहकार हैं, बल्कि आरजेडी के राजनीतिक निर्णयों में उनका गहरा प्रभाव रहा है, जिससे लालू परिवार और पार्टी दोनों में हलचल देखने को मिली।














