
बिहार में लालू परिवार के भीतर चल रही राजनीति अब सबके सामने उजागर हो गई है। हाल ही में रोहिणी आचार्य ने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया कि वे लालू परिवार से अपने रिश्ते खत्म कर रही हैं। इसी बीच तेज प्रताप यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बहन रोहिणी को घर से बाहर कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर परिवार और पार्टी में इसी तरह सबको बाहर किया गया, तो आखिर बचेगा कौन?
“सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?”
तेज प्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल के इंस्टाग्राम अकाउंट से पोस्ट में लिखा, “सबको निकालोगे तो रहेगा कौन? यही सवाल अब जनता पूछ रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका पार्टी से निकालना और उनकी आवाज को दबाया जाना केवल आरजेडी की गिरती लोकप्रियता का कारण नहीं था।
आरजेडी की सीटों में गिरावट: 2015 से 2025 तक
तेज प्रताप ने कहा, “जब मुझे पार्टी से बाहर किया गया, तो लोग सोच रहे थे कि इससे फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन जब जनता ने मेरी आवाज सुनी, उसी दिन साफ हो गया कि पार्टी ने क्या खो दिया है।” उन्होंने आरजेडी की सीटों के आंकड़े भी साझा किए:
2015 — 80 सीट
2020 — 75 सीट
2025 — 25 सीट
तेज प्रताप का कहना है कि यह गिरावट उनकी वजह से नहीं, बल्कि जनता बता रही है कि गलती कहां हुई। “आज वही लोग पूछ रहे हैं, ‘सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?’ और जनता पूछ रही है कि पार्टी बची कहां है।”
रोहिणी आचार्य को भी घर से निकाले जाने पर आक्रोश
तेज प्रताप ने कहा, “पहले मुझे बाहर किया गया, अब देवी जैसी मेरी बहन रोहिणी को भी घर से निकाल दिया गया। पूरा बिहार हंस रहा था कि जिस परिवार ने लोगों को हंसाया और रुलाया, वही आज खुद मजाक का पात्र बन गया है।” उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए लिखा, “इज्जत का तमाशा जब-जब हुआ है, धर्म ने इतिहास बदल दिया। आज बिहार की बहनों-बेटियों की आवाज न्याय मांग रही है। जिसने भी सम्मान को ललकारा, उसका विनाश निश्चित है। यह राजनीति नहीं, जनता की रक्षा का युद्ध है।”
चेतावनी: आरजेडी 5 सीटों तक गिर सकती है
तेज प्रताप यादव ने भाई तेजस्वी और पिता लालू प्रसाद यादव को चेतावनी दी कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो अगले चुनाव में आरजेडी की स्थिति 25 से 5 सीटों तक गिर सकती है। उन्होंने कहा, “ये सिर्फ 20 दिनों का असर है। अगर मैं पूरे बिहार में प्रचार करता, तो आरजेडी सिर्फ 5 सीटों तक ही सीमित रह जाती।” उन्होंने आगे लिखा, “सिद्धांत की जगह चाटुकार और समर्पण की जगह षड्यंत्र बैठ गया है। मैंने कभी किसी को नहीं निकाला। मुझे मेरे ही घर और मेरे ही लोगों से दूर किया गया। लेकिन जनता ने मुझे सुना और सब स्पष्ट हो गया।”














