
लालू प्रसाद यादव को किडनी देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्य एक बार फिर सुर्खियों में हैं। परिवार और राजनीति दोनों से दूरी बनाने की घोषणा के बाद रोहिणी ने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके नज़दीकी सहयोगियों पर तीखे आरोप लगाए हैं। रविवार को उन्होंने लगातार दो पोस्ट साझा करते हुए घर के भीतर चल रही दरार को खुलकर सामने रखा।
“किडनी देना मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल”—रोहिणी का दर्द
रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट में लिखा कि पिता को किडनी देना उनके जीवन का “सबसे बड़ा गुनाह” बताया जा रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ लोगों ने उन पर करोड़ों रुपये और टिकट लेने के बदले “गंदी किडनी” लगाने तक का आरोप लगा दिया। ये आरोप उनके लिए गहरा झटका थे, क्योंकि उन्होंने यह फैसला बिना किसी स्वार्थ, सिर्फ बेटी होने के नाते लिया था।
“शादीशुदा बेटियों को चेतावनी”—रोहिणी का कड़ा बयान
दूसरे ट्वीट में रोहिणी ने भावुक होकर कहा— “कल मुझे गालियां दी गईं, कहा गया कि मैंने अपने पिता को गंदी किडनी दे दी, करोड़ों लिए, टिकट लिया… इसलिए लगवाई। मैं सभी बेटियों और बहनों से कहना चाहूंगी कि अगर मायके में कोई बेटा है, तो वे कभी अपने पिता को बचाने की कोशिश न करें। बेटे को या उसके किसी दोस्त को यह जिम्मेदारी निभाने दें।”
उन्होंने लिखा कि शादीशुदा लड़कियों को हमेशा अपने पति, बच्चों और ससुराल को प्राथमिकता देनी चाहिए। रोहिणी ने दुख जताया कि उन्होंने किडनी देते समय अपने परिवार, बच्चों और पति की राय तक नहीं ली, लेकिन आज वही बलिदान “गंदा” कहकर अपमानित किया जा रहा है।
“मेरी गलती किसी और की ज़िंदगी में न दोहराई जाए”
रोहिणी ने कहा कि उन्होंने पिता को बचाने के लिए अपनी सीमाओं से आगे जाकर निर्णय लिया, लेकिन अब उन्हें यही त्याग भारी पड़ रहा है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे भावनाओं में आकर ऐसी कुर्बानी न करें, क्योंकि समाज और परिवार उनका दर्द नहीं समझते।
पहले ट्वीट में भी छलका गहरा रोष
इसके पहले किए गए ट्वीट में रोहिणी ने बताया था कि एक बेटी, बहन, मां और विवाहित महिला के रूप में उनका अपमान किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें चप्पल तक उठाकर मारा गया और मजबूरी में उन्हें अपने रोते हुए माता-पिता को छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें मायके से दूर कर दिया गया और “अनाथ” जैसा महसूस कराया गया।
फैमिली व पॉलिटिक्स से दूरी का एलान
गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही रोहिणी ने तेजस्वी यादव के सहयोगी रमीज नेमत और संजय यादव पर परिवार को तोड़ने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से राजनीति और परिवार दोनों से अलग होने का निर्णय घोषित कर दिया।














