
बिहार में नई सरकार के गठन के दौरान कुछ मंत्री पद फिलहाल खाली रखे जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो नए मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी वर्ष 14 जनवरी, मकर संक्रांति के बाद किया जाएगा। इस बार का शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद का मंत्रिमंडल विस्तार राजनीतिक संतुलन और गठबंधन की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
आज शपथ ग्रहण समारोह में होंगे शीर्ष नेता मौजूद
20 नवंबर 2025 को जनता दल (यूनाइटेड) के सुप्रीमो नीतीश कुमार पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ लगभग 19 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और एनडीए के कई शीर्ष नेता शामिल होंगे। इसके अलावा, एनडीए शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी पटना पहुंच चुके हैं। नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मंत्रिमंडल में गठबंधन और संतुलन
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में बीजेपी और जदयू के साथ-साथ गठबंधन के अन्य सहयोगियों का भी संतुलन बनाए रखा जाएगा। प्रत्येक छह विधायकों पर एक मंत्री पद मिलने की संभावना है।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को तीन मंत्री पद मिलने की संभावना है। शेष पद भाजपा और जदयू के बीच बंटेंगे।
बीजेपी और जदयू के आठ-आठ विधायक आज शपथ लेंगे, वहीं RLM, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और लोजपा के एक-एक विधायक भी शामिल हो सकते हैं।
सुरक्षा और जनता की उपस्थिति
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। अनुमान है कि इस ऐतिहासिक मौके पर तीन लाख से अधिक लोग उपस्थित होंगे।














