
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आते ही राजनीतिक परिदृश्य अचानक तेज़ी से बदलने लगा है। एनडीए ने 200 से अधिक सीटें जीतकर रिकॉर्ड बना दिया, जिससे सत्ता समीकरणों पर नई चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इस बार गठबंधन में बीजेपी 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ उसके ठीक पीछे रही। इसी अंतर ने राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठा दिया—क्या बीजेपी अकेले सरकार चला सकती है? क्या मुख्यमंत्री पद पर बदलाव हो सकता है?
इन्हीं अटकलों पर विराम लगाते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में स्पष्ट कहा कि एनडीए पूरी तरह एकजुट है, और ऐसी चर्चाओं का कोई आधार नहीं है।
एनडीए का विशाल गठबंधन—कैसे पार हुआ 200 का आंकड़ा
बीजेपी और जेडीयू के साथ-साथ एनडीए में कई अन्य सहयोगी पार्टियाँ भी शामिल हैं।
इनके प्रदर्शन ने मिलकर गठबंधन को भारी बहुमत दिलाया:
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – 19 सीटें
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) – 5 सीटें
राष्ट्रीय लोक मोर्चा – 4 सीटें
इन सभी सीटों को जोड़ने पर गठबंधन की कुल ताकत 202 सीटों पर पहुंचती है, जो किसी भी तरह के राजनीतिक खतरे को दूर करती है।
विपक्ष की स्थिति—आरजेडी हुआ कमजोर, कांग्रेस भी पिछड़ी
इसी चुनाव में विपक्ष का प्रदर्शन बेहद फीका रहा।
मुख्य विपक्षी दल आरजेडी केवल 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि उसके सहयोगी:
कांग्रेस – 6 सीटें
CPI (माले) – 2 सीटें
AIMIM – 5 सीटें
IIP, CPM, BSP – 1-1 सीट
यह नतीजे विपक्ष की एकजुटता और रणनीति पर कई सवाल खड़े करते हैं।
क्या बीजेपी अकेले सरकार बना सकती है? क्या नीतीश रहेंगे मुख्यमंत्री?
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि चूँकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, वह जेडीयू के बिना भी अपनी सरकार बना सकती है। कुछ विश्लेषक तो यह भी दावा कर रहे हैं कि विपक्ष के समर्थन से भी नई संभावनाएँ बन सकती हैं।
जब इस पर संजय झा से सवाल किया गया, तो उन्होंने पूरी दृढ़ता से कहा— “मैं किसी भी अटकल पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। समय आने पर सब स्पष्ट हो जाएगा। एनडीए के भीतर कोई उलझन नहीं है।” झा का यह बयान साफ़ संकेत देता है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई बदलाव की संभावना नहीं है और नीतीश कुमार ही पूरे कार्यकाल तक सरकार का नेतृत्व करेंगे — कम से कम जेडीयू की यही राय है।
संजय झा का दावा—गठबंधन में कोई दरार नहीं, जीत की वजह भी 'एकजुटता'
एनडीए के भीतर संबंधों और भविष्य की कार्यशैली पर पूछे गए सवाल के जवाब में संजय झा ने कहा— “डायनेमिक्स वही रहेंगे। सब पार्टियों के बीच तालमेल शानदार है। इतनी बड़ी जीत का कारण भी यही एकता है। अगर हम सब एकसाथ नहीं लड़ते, तो 200 सीटें पार करना मुश्किल था।”
उन्होंने आगे कहा कि अब गठबंधन पूरी तरह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने पर ध्यान देगा और केंद्र तथा राज्य के बीच तालमेल पहले से भी बेहतर रहेगा।














