
पटना – बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चल रहे विवाद ने गुरुवार को विधानसभा में उग्र रूप ले लिया। सत्ता और विपक्ष के बीच बहस इतनी तेज़ हो गई कि बात धक्का-मुक्की और माइक तोड़ने तक जा पहुंची। विधानसभा का माहौल उस वक्त और बिगड़ गया जब भाजपा विधायक संजय कुमार पर मार्शल को हटाकर माइक तोड़ने का आरोप लगा।
तेजस्वी यादव का आरोप: “मां, बहन और माता-पिता को दी गईं भद्दी गालियां”
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक ने न सिर्फ उन्हें गालियां दीं बल्कि उनके माता-पिता और बहन को भी अपशब्द कहे। तेजस्वी ने कहा, “हम मुद्दों की बात कर रहे थे लेकिन भाजपाई गुंडों को सच्चाई बर्दाश्त नहीं होती। मां और बहन की गालियां दी जा रही थीं। मैंने संयम रखा और स्पीकर से आग्रह किया है कि पूरे घटनाक्रम की वीडियो फुटेज सार्वजनिक की जाए।”
तेजस्वी का कहना है कि सदन में उनके वक्तव्य को बार-बार बाधित किया जा रहा था। उन्होंने कहा, “कल उपमुख्यमंत्री खुद गालियां दे रहे थे, आज उनके समर्थक वही भाषा बोल रहे हैं।”
#WATCH | Patna | Following ruckus in the Bihar Assembly today, RJD leader Tejashwi Yadav says, "During my speech in the Assembly today, their ministers, Deputy CM, MLAs kept making statements in the middle. Today, it was proved that one deputy is a foul-mouthed and another is a… pic.twitter.com/HWoMGlxas6
— ANI (@ANI) July 24, 2025
तेज प्रताप का तीखा हमला: “हम होते तो बुखार छुड़ा देते”
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए तेज प्रताप यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सम्राट चौधरी जैसे लोग जो हमारे पिता पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें जवाब देने के लिए हम सदन में होते तो उनका बुखार छुड़ा देते।”
तेज प्रताप ने सम्राट चौधरी पर आपराधिक छवि का आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों की मर्यादा गिर चुकी है और काले कपड़े पहनकर विरोध करना केवल राजनीतिक नौटंकी है।
एसआईआर पर राजनीतिक टकराव चरम पर
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र इस बार काफी गर्म रहा है। मंगलवार को भी विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया था। कार्यवाही की शुरुआत होते ही विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। दोपहर की कार्यवाही के दौरान यह प्रदर्शन और भी उग्र हो गया।
SIR को लेकर यह टकराव सिर्फ सदन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बाहर भी नेताओं के बयानों में तल्खी देखी जा रही है। फिलहाल सत्ता और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे को लोकतांत्रिक मूल्यों के उल्लंघन का दोषी ठहरा रहे हैं।














