
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आरजेडी की पहली महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक सोमवार, 17 नवंबर को पटना में आयोजित की गई। इस बैठक में पार्टी ने तेजस्वी यादव को एक बार फिर से विधायक दल का नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना।
बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। समीक्षा बैठक के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए एक ऐसा विवादित दावा किया, जिसने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी।
हर ईवीएम में पहले से दर्ज थे करीब 25 हजार वोट: जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि चुनाव में आरजेडी की स्थिति इतनी कमजोर होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि हर ईवीएम मशीन में लगभग 25 हजार वोट पहले से दर्ज थे। इसके बावजूद भी पार्टी के 25 विधायक जीत गए, जो उनके लिए सौभाग्य की बात है। उनके इस बयान ने चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सीधे सवाल खड़ा कर दिया।
सत्ता पक्ष की ओर से किए गए ‘विशेष उपाय’
जगदानंद ने आगे कहा कि अगर लोकतंत्र की प्रक्रिया में ही छेड़छाड़ होने लगे तो देश किस दिशा में जाएगा। उन्होंने दावा किया कि परिस्थितियों को बदलने के लिए सत्ता पक्ष की ओर से ‘विशेष उपाय’ किए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लोकतंत्र कोई ऐसा व्यवसाय बन गया है जिसमें धोखाधड़ी होती रहे। उन्होंने संविधान की रक्षा की बात करते हुए यह दोहराया कि ईवीएम में गड़बड़ी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
भाई वीरेंद्र का बयान: बैलेट पेपर में जीत, ईवीएम में हार
बैठक में मौजूद मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने भी चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को अपना नेता चुना है और पार्टी उनके निर्देशों के अनुसार काम करेगी।
भाई वीरेंद्र ने कहा, “हम बैलेट पेपर वाले चुनावों में जीतते हैं, लेकिन ईवीएम वाले चुनावों में हार जाते हैं। ईवीएम में चोरी हुई है और इसके खिलाफ हमें सख्त लड़ाई लड़नी होगी।”
राजनीतिक बहस और आगे की रणनीति
आरजेडी नेताओं के इन आरोपों ने बिहार की राजनीति में सियासी बहस को फिर से तेज कर दिया है। पार्टी का मानना है कि तकनीकी गड़बड़ियों ने चुनाव परिणामों पर सीधे असर डाला। वहीं, चुनाव आयोग कई बार स्पष्ट कर चुका है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी तरह की हेराफेरी संभव नहीं है।
आरजेडी अब इन दावों के साथ आगे की रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी नेताओं का कहना है कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए ईवीएम की समीक्षा और बैलेट पेपर की वापसी पर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। बिहार की सियासत में यह मुद्दा आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है।














