
बिहार में सत्ता में वापसी के बाद भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं के पदों में कोई बदलाव न करने का निर्णय लिया है। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पहले की तरह ही डिप्टी सीएम बने रहेंगे। अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले सम्राट चौधरी का पार्टी में कद पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। उनके सामाजिक प्रभाव और नेतृत्व क्षमता को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेतृत्व ने उन्हें पद पर बनाए रखने का फैसला किया है। वहीं विजय सिन्हा भी बिना किसी विवाद के अपने पद पर बने रहेंगे, इसलिए उनके अलावा किसी अन्य नाम पर विचार नहीं किया गया। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पहले भी बेहतर तालमेल के साथ काम किया है।
भाजपा विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया। इससे पहले भी सम्राट चौधरी नेता और विजय सिन्हा उपनेता थे। इस तरह भाजपा ने सत्ता में लौटने के बाद किसी बड़े बदलाव से बचने का संदेश दिया है। नीतीश कुमार को फिर से जेडीयू विधानमंडल दल का नेता चुना गया है और वे गुरुवार सुबह 11:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी गांधी मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। फिलहाल, चर्चा है कि इस समारोह में कुल 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इसके बाद कैबिनेट विस्तार की संभावना भी बनी हुई है।
डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद सम्राट चौधरी ने कहा, "मैं पार्टी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। यह जिम्मेदारी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है और मैं पहले की तरह मेहनत से काम करता रहूंगा।" भाजपा नेता नित्यानंद राय ने बताया कि यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और इसे पार्टी द्वारा स्वागत किया गया है।
नित्यानंद राय ने आगे कहा, "यह जीत ऐतिहासिक है और गुरुवार का शपथ समारोह भी ऐतिहासिक साबित होगा।" वहीं विजय सिन्हा ने केंद्रीय नेतृत्व और विधायकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने उन पर भरोसा जताया। इसी दिन शाम 3:30 बजे एनडीए की एक बैठक भी आयोजित होगी, जिसमें नीतीश कुमार को एनडीए का नेता चुने जाने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।














