
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण रही। पार्टी को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली, जबकि एनडीए ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। अनुमान था कि पार्टी को कम से कम 15 प्रतिशत वोट मिलेंगे, लेकिन वास्तविकता केवल 4 प्रतिशत रही। इस हार का कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने मीडिया के सामने रखा और कहा कि पार्टी अपने मुद्दों पर लगातार काम करती रहेगी।
पटना में प्रेस वार्ता में पार्टी की सफाई
पटना स्थित पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उदय सिंह ने कहा कि जनता ने पार्टी की नीतियों और मुद्दों को स्वीकार किया, लेकिन वोट नहीं मिला। पार्टी तीन सालों से जमीन पर लगातार काम कर रही थी, बावजूद इसके किसी भी सीट पर सफलता नहीं मिली। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम में प्रमुख कारण यह रहा कि बिहार के लोग राजद की सत्ता में वापसी से डर गए और अंतिम समय में जन सुराज के वोट एनडीए की ओर शिफ्ट हो गए।
वोट शिफ्टिंग का विश्लेषण
उदय सिंह ने कहा कि लोगों ने ऐसा सोचा कि जन सुराज को वोट देने से राजद सत्ता में आ सकती है, इसलिए उन्होंने एनडीए को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता कांग्रेस से उतना डरती नहीं है जितना लालू यादव या राजद से करती है। इसलिए राजद को रोकने की भावना में वोटिंग हुई और इसका सीधा फायदा एनडीए को मिला।
पार्टी की जमीन पर मौजूदगी और मुद्दों की पहचान
उदय सिंह ने जोर देकर कहा कि जन सुराज पार्टी हमेशा जमीन पर काम करती है। पार्टी ने बिहार के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को लगातार उठाया। उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि जब पार्टी ने 2000 सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वादा किया था, तो इसके बाद नीतीश कुमार ने इसे बढ़ाकर 1100 कर दिया। रोजगार और पलायन के मुद्दों को भी पार्टी ने सबसे पहले उठाया था। बाद में प्रधानमंत्री भी पलायन रोकने की बात करने लगे।
भविष्य की रणनीति
उदय सिंह ने कहा कि पार्टी इस हार से निराश नहीं है और भविष्य में भी अपने मुद्दों पर कायम रहेगी। जन सुराज पार्टी अब यह अध्ययन कर रही है कि वोट शिफ्टिंग कैसे हुई और इसे कैसे रोका जा सकता है। उनका कहना है कि बिहार को बदलने की जरूरत है और पार्टी इसी दिशा में काम करती रहेगी।
इस बयान से साफ है कि जन सुराज पार्टी न केवल अपनी हार का विश्लेषण कर रही है, बल्कि भविष्य में राजनीतिक रणनीति मजबूत करने की योजना भी बना रही है। पार्टी का मुख्य फोकस अब भी सामाजिक सुरक्षा, रोजगार, पलायन और जनता के हितों के मुद्दों पर ही रहेगा।














