Tokyo Olympic : जापानी स्टार ओसाका हारीं, नाना के नक्शेकदम पर हैं सितसिपास, 58 साल के शूटर ने जीता पदक

By: Rajesh Mathur Tue, 27 July 2021 12:07:38

Tokyo Olympic : जापानी स्टार ओसाका हारीं, नाना के नक्शेकदम पर हैं सितसिपास, 58 साल के शूटर ने जीता पदक

दुनिया में पूर्व नं.1 टेनिस खिलाड़ी जापान की नाओमी ओसाका टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गई हैं। उन्हें मंगलवार को महिला एकल में सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही जापान के प्रशंसकों का दिल टूट गया क्योंकि ओसाका पदक की प्रबल दावेदार थीं। ओसाका को फ्रेंच ओपन की पूर्व फाइनलिस्ट चेक गणराज्य की मार्केटा वांड्रोसोवा ने तीसरे दौर के मैच में 6-1, 6-4 से हराया।

जापान में जन्मी लेकिन अमेरिका में पली-बढ़ी दूसरी रैंकिंग की ओसाका ग्राउंडस्ट्रोक पर संघर्ष करती नजर आईं। ओसाका के अलावा टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त एश्ले बार्टी भी उलटफेर की शिकार हुई हैं। बार्टी ओलंपिक के पहले ही राउंड से बाहर हो गईं थी। उन्हें वर्ल्ड रैंकिंग की 48वीं नंबर की स्पेन की सारा सोरिबेज टोरमो ने हराया था।

स्टेफानोस सितसिपास ने अंतिम-16 में बनाई जगह

यूनान के स्टेफानोस सितसिपास ने पुरुष एकल के प्री क्वार्टर फाइनल (अंतिम-16) में जगह बनाकर अपने नाना के नक्शेकदम पर चलने की कवायद बरकरार रखी। उनके नाना ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। अपना शुरुआती मैच तीन सेट में जीतने वाले चौथी रैंकिंग के सितसिपास ने दूसरे राउंड में अमेरिका के फ्रांसिस टिफोउ को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से हराया। सितसिपास के नाना सर्गेई सालनिकोव सोवियत संघ की उस फुटबॉल टीम का हिस्सा थे, जिसने वर्ष 1956 में मेलबोर्न खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। सितसिपास की मां रूसी और पिता यूनानी हैं।


बुजुर्ग निशानेबाज को पेरिस ओलंपिक में भी पदक का भरोसा

कुवैत के 58 वर्षीय अब्दुल्ला अल रशीदी ने निशानेबाजी में कांस्य पदक जीतकर दुनिया को दिखा दिया कि उनके लिए उम्र महज एक आंकड़ा है। सात बार के ओलंपियन ने सोमवार को स्कीट स्पर्धा में ब्रोंज मेडल जीता। अल रशीदी ने पहली बार 1996 अटलांटा ओलंपिक में भाग लिया था। उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में भी कांस्य पदक जीता था, लेकिन उस समय स्वतंत्र खिलाड़ी के तौर पर उतरे थे। कुवैत पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने प्रतिबंध लगा रखा था। उन्होंने असाका शूटिंग रेंज पर ओलंपिक सूचना सेवा से कहा कि मैं 58 बरस का हूं। सबसे बूढ़ा निशानेबाज और यह कांस्य मेरे लिए सोने से कम नहीं। मैं इस पदक से बहुत खुश हूं लेकिन उम्मीद है कि अगले ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतूंगा। 2024 में पेरिस में।

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