
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मैनचेस्टर टेस्ट मैच के पहले ही दिन ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया, जो अब तक किसी भी विकेटकीपर के लिए एक सपने जैसा रहा है। हालांकि यह ऐतिहासिक दिन उनके लिए चोट की वजह से कड़वे अनुभव के साथ भी जुड़ गया। पंत जब 37 रन पर खेल रहे थे, तभी इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलने के प्रयास में उन्हें गंभीर चोट लग गई। चोट इतनी गंभीर थी कि वह खड़े तक नहीं हो पा रहे थे और मजबूरी में उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान छोड़ना पड़ा।
1000 टेस्ट रन विदेश में पूरे करने वाले पहले विकेटकीपर
ऋषभ पंत की यह पारी भले ही अधूरी रह गई हो, लेकिन उन्होंने इस दौरान वह कीर्तिमान रच दिया जिसे अब तक कोई भी विकेटकीपर बल्लेबाज नहीं छू सका था। पंत टेस्ट क्रिकेट में घर से बाहर किसी भी एक देश में 1000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले विकेटकीपर बन गए हैं। इंग्लैंड में खेलते हुए उन्होंने अब तक 44.26 की औसत से 1018 रन बनाए हैं।
इतना ही नहीं, ऋषभ पंत ने एक और बड़ा कीर्तिमान अपने नाम किया है। वह टेस्ट इतिहास में पहले ऐसे विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने दो अलग-अलग देशों में 1000 से अधिक रन बनाए हैं। भारत में उनके नाम जहां 1061 रन दर्ज हैं, वहीं इंग्लैंड की धरती पर उन्होंने 1018 रन बना लिए हैं। इससे यह साफ हो गया है कि पंत घरेलू और विदेशी दोनों ही परिस्थितियों में समान रूप से खतरनाक बल्लेबाज हैं।
इंग्लैंड में रचा रिकॉर्ड, धोनी को छोड़ा पीछे
पंत ने इंग्लैंड में 1000 टेस्ट रन पूरे करके एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह इंग्लैंड की धरती पर यह कारनामा करने वाले पहले विदेशी विकेटकीपर बने हैं। उनसे पहले इस सूची में शीर्ष पर एमएस धोनी थे, जिन्होंने इंग्लैंड में कुल 778 टेस्ट रन बनाए थे। अब पंत ने इस आंकड़े को पीछे छोड़ दिया है और यह दर्शाता है कि वह लगातार टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ते जा रहे हैं।
ऋषभ पंत के अब तक इंग्लैंड में कुल चार शतक और चार अर्धशतक हैं, जो दर्शाता है कि वह यहां कितने प्रभावी रहे हैं। उन्होंने हमेशा विपरीत परिस्थितियों में टीम को मजबूती देने का काम किया है और इंग्लिश पिचों पर उनका आत्मविश्वास बेजोड़ रहा है।
चोट से टीम को बड़ा झटका, लेकिन रिकॉर्ड से बढ़ा आत्मविश्वास
भले ही ऋषभ पंत की चोट भारतीय टीम के लिए एक चिंता का विषय बन गई हो, लेकिन उन्होंने जिस अंदाज में यह रिकॉर्ड बनाया है, वह टीम इंडिया के आत्मविश्वास को जरूर बढ़ाएगा। कप्तान और टीम मैनेजमेंट को उम्मीद होगी कि पंत जल्दी ठीक होकर दोबारा मैदान पर लौटें और टेस्ट क्रिकेट में अपनी रफ्तार बनाए रखें।
ऋषभ पंत का यह रिकॉर्ड न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी एक मील का पत्थर है। जिस तरह से उन्होंने विदेश में आकर विरोधी टीमों के सामने अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। अब निगाहें इस बात पर होंगी कि वह चोट से कितनी जल्दी उबरते हैं और क्या वे सीरीज के आगामी मुकाबलों में वापसी कर पाएंगे।
यदि वह फिट होकर दोबारा मैदान में उतरते हैं, तो निश्चित ही आने वाले समय में उनके बल्ले से और भी रिकॉर्ड देखने को मिल सकते हैं।














