
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की वार्षिक आम बैठक (AGM) गुरुवार, 17 जुलाई से सिंगापुर में शुरू हो रही है, जो अगले चार दिनों तक चलेगी। इस बैठक में दो बेहद महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने जा रही है – पहला, टेस्ट क्रिकेट का भविष्य और दूसरा, टी20 विश्व कप के विस्तार की योजना। इन दोनों पहलुओं को लेकर आईसीसी में शीर्ष स्तर पर गहन मंथन की तैयारी है।
टी20 वर्ल्ड कप में 24 टीमों का सपना
वर्तमान में टी20 वर्ल्ड कप में 20 टीमें हिस्सा ले रही हैं। आईसीसी अब इस संख्या को बढ़ाकर 24 करने की संभावना पर विचार कर रहा है। हालांकि, यह बदलाव 2026 से पहले लागू होने की उम्मीद नहीं है। इस विषय पर एजीएम में विशेष चर्चा होगी, और यह निर्णय सीधे तौर पर ओलंपिक 2028 में क्रिकेट की वापसी और इटली जैसे नए देशों के क्वालीफाई करने से जुड़ा है।
भारत और श्रीलंका द्वारा आयोजित अगले टी20 विश्व कप में इटली की भागीदारी संभावित रूप से क्रिकेट के वैश्विक विस्तार की शुरुआत मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्रिकेट को नई वैश्विक दर्शकश्रेणी तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
आईसीसी के चेयरमैन जय शाह, जो दिसंबर 2024 में निर्वाचित हुए, और नए सीईओ संजोग गुप्ता इस एजीएम का नेतृत्व कर रहे हैं। जय शाह इस साल ग्रीस में IOC के 144वें सत्र के दौरान अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों के साथ चर्चा कर चुके हैं, जिससे क्रिकेट को ओलंपिक में स्थायी जगह दिलाने की दिशा में पहल मानी जा रही है।
टेस्ट क्रिकेट में बदलाव की तैयारी, लेकिन सीमित
आईसीसी के एजेंडे में दूसरा बड़ा मुद्दा टेस्ट क्रिकेट का भविष्य है। चर्चा है कि 2027–29 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र में छोटे देशों के लिए चार दिवसीय टेस्ट मैच का विकल्प प्रस्तावित किया जा सकता है। हालांकि, भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्रिकेट महाशक्तियों ने पांच दिवसीय टेस्ट को ही प्राथमिकता दी है।
आईसीसी का मानना है कि टेस्ट मैचों को एक दिन कम करने से छोटे देशों को अधिक मौके मिलेंगे और टेस्ट क्रिकेट में उनकी भागीदारी बढ़ेगी। जय शाह ने WTC फाइनल के दौरान इस विचार को समर्थन भी दिया था।
हालांकि, 2025–27 WTC चक्र को पूरी तरह से पांच दिवसीय प्रारूप में ही आयोजित किया जाएगा। इसकी शुरुआत पहले ही श्रीलंका-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज से हो चुकी है। इस चक्र में कुल 27 सीरीज खेली जाएंगी, जिनमें से 17 दो-दो मैचों की और 6 तीन-तीन मैचों की होंगी।
बैठक से निकल सकते हैं क्रिकेट के भविष्य के नए संकेत
यह एजीएम केवल आईसीसी के वर्तमान ढांचे की समीक्षा ही नहीं बल्कि क्रिकेट के भविष्य को दिशा देने वाली है। जहां एक ओर क्रिकेट को ओलंपिक के जरिए वैश्विक मंच पर स्थापित करने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक टेस्ट फॉर्मेट को बचाने और नई टीमों को मौका देने के बीच संतुलन साधने की चुनौती भी आईसीसी के सामने है।
आईसीसी का यह सम्मेलन आगामी वर्षों में क्रिकेट के विकास, प्रसार और आर्थिक भविष्य को तय करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। टी20 का विस्तार और टेस्ट क्रिकेट में लचीलापन, दोनों मिलकर खेल की रूपरेखा बदल सकते हैं।














