
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां नवनिर्वाचित छह महिला पंचों की जगह उनके पतियों ने पद की शपथ ली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला पंडरिया विकासखंड के परसवारा ग्राम पंचायत का है, जहां सोमवार को पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। लेकिन यहां छह महिला पंचों की जगह उनके पति शपथ लेते नजर आए। कबीरधाम जिला पंचायत के सीईओ अजय त्रिपाठी ने बताया कि जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया तो तुरंत पंडरिया जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) को मामले की जांच के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, परसवारा ग्राम पंचायत में कुल 11 वार्ड पंच चुने गए, जिनमें से छह महिलाएं हैं और सरपंच एक पुरुष है। लेकिन शपथ ग्रहण के दौरान महिला पंचों की जगह उनके पतियों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई। वायरल वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है कि सभी पुरुष सदस्य शपथ ले रहे हैं जबकि महिलाओं की भूमिका गायब है। जांच के बाद प्रशासन इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर सकता है। पंचायत चुनावों में महिलाओं को आरक्षण मिलने के बावजूद अगर उनके पति ही पदभार संभाल रहे हैं, तो यह कानूनी और नैतिक रूप से गलत है। प्रशासन जल्द ही रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार लोगों पर सख्त कदम उठा सकता है।
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिला। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण का अपमान करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह एक गलत उदाहरण पेश करेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा मिल सकता है। इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी की भावना बोहरा, जो पंडरिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, ने भी इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है, और इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई होनी चाहिए।














