MP News: केंद्र द्वारा भेजे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्वालिटी निकली खराब, 90-95% होनी चाहिए निकल रही 38% प्योरिटी रेट

By: Pinki Thu, 13 May 2021 11:05:05

MP News: केंद्र द्वारा भेजे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्वालिटी निकली खराब, 90-95% होनी चाहिए निकल रही 38% प्योरिटी रेट

मध्य प्रदेश को केंद्र की तरफ से मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। जिन कंसंट्रेटर की प्योरिटी रेट 90 से 95% होनी चाहिए, उनकी प्योरिटी रेट जांच के दौरान 38% के आसपास पाई गई। NHM ने भोपाल, विदिशा, रायसेन और हरदा जिलों के अस्पताल में लगे कंसंट्रेटर की क्लिंटन फाउंडेशन से जांच कराई गई। इस जांच में जेपी अस्पताल में लगे 20 कंसंट्रेटर में ऑक्सीजन की प्योरिटी 43.3% पाई गई। वहीं रायसेन के बरेली में सिविल अस्पताल के कंसंट्रेटर में प्योरिटी 38% पाई गई। वैसे तय मापदंड कंसंट्रेटर ऑक्सीजन प्योरिटी 90 से 95% होनी चाहिए। भोपाल और रायसेन जिले के कंसंट्रेटर पर सवाल खड़े होने के बाद अब NHM प्रदेश के दूसरे जिलों में लगे कंसंट्रेटर की जांच कराएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह मामला लोगों की जान से जुड़ा हुआ है। यदि ऑक्सीजन का स्तर कंसंट्रेटर से ठीक नहीं मिलेगा तो मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है।

2000 कंसंट्रेटर मिले थे

केंद्र की तरफ से मध्य प्रदेश को 80 करोड़ के 2000 कंसंट्रेटर मिले थे। केंद्र से मिले कंसंट्रेटर को प्रदेश के 52 जिलों में भेजा गया था। एक कंसंट्रेटर 1 मिनट में 6 से 10 लीटर ऑक्सीजन तैयार करता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से पहले हमीदिया अस्पताल में केंद्र से मिले वेंटीलेटर के खराब होने की खबर आई थी। वहां पर कई वेंटिलेटर चलते-चलते बंद हो गए थे। अस्पताल प्रबंधन ने वेंटिलेटर की जांच के निर्देश दिए थे। अब इन वेंटीलेटर के बाद केंद्र से मिले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में भी खराबी और जांच के बाद उन पर भी सवाल खड़े होने लगे।

मध्यप्रदेश में बुधवार को 8,970 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। 10,324 लोग ठीक हुए और 84 की मौत हो गई। अब तक 7 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 5.83 लाख लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 6,679 लोगों की मौत हो चुकी है। 1.09 लाख मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

पंजाब: केंद्र ने भेजे 80 वेंटिलेटर, 71 निकले खराब

पंजाब के फरीदकोट के गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए 80 वेंटिलेटर में से 71 खराब है सिर्फ 9 ही ठीक हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने वेंटिलेटर खराब होने की जानकारी राज्य सरकार को दी है। इसके बाद मुख्य सचिव की मंजूरी पर बुधवार को यहां एक टीम वेंटिलेटर्स सुधारने पहुंची है। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि वे केंद्र के भेजे वेंटिलेटर पर भरोसा नहीं करते। ये बमुश्किल 1-2 घंटे ही काम कर पाते हैं। पीएम केयर्स फंड के तहत पंजाब को ये वेंटिलेटर्स AgVa हेल्थकेयर की तरफ से उपलब्ध कराए गए थे। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के उपकुलपति डॉ राज बहादुर का भी कहना है कि प्रधानमंत्री राहत कोष से उपलब्ध करवाए गए वेंटिलेटर की क्वालिटी बेहद घटिया है।

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