टेंट में रखी प्राचीन मूर्ति को रामलला की नई मूर्ति के साथ सिंहासन पर रखा जाएगा, अब तक 1100 करोड़ खर्च, 300 करोड़ की आवश्यकता और

By: Rajesh Bhagtani Tue, 23 Jan 2024 5:06:57

टेंट में रखी प्राचीन मूर्ति को रामलला की नई मूर्ति के साथ सिंहासन पर रखा जाएगा, अब तक 1100 करोड़ खर्च, 300 करोड़ की आवश्यकता और

अयोध्या। 22 जनवरी को समूचा देश राम मय था। देश के लिए ही यह एक कभी न भूलने वाला क्षण था लेकिन इसी बीच यह सवाल भी उठने लगा कि आखिर रामलला की उस पुरानी मूर्ति का क्या हुआ? यह सवाल जब श्रीराम जन्म भूमि के तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्थायी मंदिर में रखी श्री राम लला की पुरानी मूर्ति को नई मूर्ति के समक्ष रखा जाएगा।

ऐसा कई लोगों ने दावा किया था कि 22 जनवरी 1949 श्रीराम की मूर्ति रात को प्रकट हुई थी जिसे उन्होंने अपनी आंखो से देखा था। जिसके बाद ही बाबरी मस्जिद का विवाद हुआ शुरू हुआ था और मामला न्यायलय तक पहुंचा था। दशकों तक इस मुद्दे को लेकर लड़ाई चलती रही। कुछ समय के लिए मुस्लिम पक्ष ने यहां नमाज पढ़ना छोड़ा लेकिन हिंदू पक्ष ने पूजा-पाठ निरंतर जारी रखा। इस बीच कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले और भगवान श्रीराम की मूर्ति अस्थायी रूप से एक टेंट में रखी रही। यह मूर्ति 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचे के विध्वंस के बाद एक अस्थायी तंबू में थी और बाद में इसे एक अस्थायी मंदिर में स्थानांतरित कर दिया गया।

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को कहा, "भगवान, जो पहले से ही वहां मौजूद हैं, भी नए मंदिर में चले जाएंगे। अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। अस्थायी मंदिर में स्थित मूर्ति भी गर्भगृह में चली जाएगी। पुरानी मूर्ति को भी सिंहासन पर रखा जाएगा और नई राम लला की मूर्ति के सामने एक सिंहासन पर बैठाया जाएगा।"

मैसूर के कलाकार अरुण योगीराज द्वारा गढ़ी गई नई मूर्ति को सोमवार को अयोध्या में भव्य 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के दौरान मंदिर के गर्भगृह में रखा गया। काले पत्थर से बनाई गई 51 इंच की मूर्ति, पीले रंग की धोती, सुनहरा मुकुट और हार पहने हुए है और सुनहरे धनुष और तीर धारण किए हुए हैं। मिश्रा ने कहा, "आपके पास राम लला की एक खड़ी मूर्ति होगी, और 1949 में प्रकट हुई 'मूर्ति' भी होगी। दोनों मूर्तियां सिंहासन पर होंगी।"

इस घटना ने पूरे भारत में धार्मिक उत्साह जगा दिया, कई राज्यों ने छुट्टी की घोषणा की, शेयर बाजार बंद रहे और घरों को सजाया गया।

अब तक कितना खर्च हुआ

गोविंद देव गिरि जी ने यह भी कहा कि राम मंदिर के निर्माण में अब तक 1,100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं तथा काम को अंतिम रूप देने के लिए अभी 300 करोड़ रुपये की और आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि अभी निर्माण पूरा नहीं हुआ है। बता दें कि भगवान राम की तीन मूर्तियों का निर्माण किया गया था, जिनमें से मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति को 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए चुना गया है। जब अरुण से यह पूछा गया कि आपके द्वारा बनाई गई मूर्ति को चुना गया है तो आपको कैसा लग रहा है तो जवाब में उन्होंने कहा कि मैं दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं।

यह पूछे जाने पर कि बाकी दो मूर्तियों का क्या होगा, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि जी ने कहा, 'हम उन्हें पूरे आदर और सम्मान के साथ मंदिर में रखेंगे। एक मूर्ति हमारे पास रखी जाएगी क्योंकि प्रभु श्रीराम के वस्त्र और आभूषणों को मापने के लिए हमें इसकी आवश्यकता होगी।'

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