सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। BSE सेंसेक्स 1.14% की गिरावट के साथ 74,454.41 पर बंद हुआ, जो 856.65 अंकों की गिरावट को दर्शाता है। दिन के दौरान सेंसेक्स 923.62 अंक गिरकर 74,387 तक पहुंच गया था। इसी तरह, एनएसई निफ्टी भी 242.55 अंक लुढ़ककर 22,553.35 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के टॉप लूजर्स में एचसीएल टेक, जोमैटो, टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, टाटा स्टील और एनटीपीसी शामिल रहे। हालांकि, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, नेस्ले और आईटीसी में बढ़त दर्ज की गई।
विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 3,449.15 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। मई महीने में अब तक एफआईआई ने 23,710 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर दी है, जिससे 2025 में कुल निकासी 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।
आठ महीने के निचले स्तर पर बाजार
बाजार की इस गिरावट की मुख्य वजह आईटी शेयरों में भारी गिरावट रही। अमेरिका में उपभोक्ता विश्वास में कमी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने बाजार पर दबाव बनाया। स्टॉक्सबॉक्स के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट अमेय रानाडिव के अनुसार, इस गिरावट का असर छोटे और मध्यम स्तर के शेयरों पर भी पड़ा।
वैश्विक बाजारों की स्थिति
एशियाई बाजारों में सियोल, शंघाई और हांगकांग में गिरावट देखी गई, जबकि टोक्यो का बाजार छुट्टी के कारण बंद था। यूरोपीय बाजारों में हल्की तेजी देखने को मिली, जबकि अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में कमजोर उपभोक्ता भावना और व्यापार नीतियों से जुड़ी चिंताओं के कारण आईटी सेक्टर में और दबाव बन सकता है। इससे घरेलू बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, जिससे खुदरा निवेशकों की अनिश्चितता बढ़ सकती है।