केरल से सांसद शशि थरूर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह अलग है। कांग्रेस पार्टी की नीतियों से इतर बयान देने के चलते जहां वे अपनी पार्टी के भीतर आलोचना का सामना कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई भूमिका सौंपने की तैयारी कर ली है।
भारत सरकार की योजना है कि वह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाए, और इसी कड़ी में शशि थरूर को एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया गया है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति के प्रमुख के रूप में थरूर की कूटनीतिक समझ और वैश्विक मंचों पर उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए यह कदम अहम माना जा रहा है।
हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया है कि इस जिम्मेदारी को निभाने से पहले सरकार को कांग्रेस पार्टी से औपचारिक संवाद करना होगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह कदम किसी भी राजनीतिक संवेदनशीलता को भंग न करे। यह पहल न केवल भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को मजबूती देगी, बल्कि एक विपक्षी नेता की भूमिका को भी नए आयाम दे सकती है।
न्यूज-18 के सूत्रों के अनुसार, विदेश मामलों पर संसदीय पैनल के प्रमुख शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने थरूर से संपर्क भी किया है। सूत्रों ने बताया कि थरूर भी चाहते हैं कि वे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें और खासतौर पर अमेरिका में तो जरूर करें। वह विदेश मामलों की स्थायी कमेटी के अध्यक्ष हैं। हालांकि, उन्होंने सरकार से कहा है कि इसके लिए सरकार को पहले कांग्रेस पार्टी से संपर्क करके इसपर में सलाह लेनी होगी।
इसमें कई प्रतिनिधिमंडल बनाए जाएंगे, जो विदेश का दौरा करके आतंकवाद पर दूसरे देशों के सामने पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। हर एक प्रतिनिधिमंडल में पांच से छह सांसद हो सकते हैं। इसमें एक विदेश मंत्रालय का भी एक प्रतिनिधि और एक सरकारी अफसर होगा। सरकार ने सांसदों से बता भी दिया है कि वह यह देख लें कि उनके पास पासपोर्ट और विदेश की यात्रा करने के लिए जरूरी कागजात पहले से उपलब्ध हों। इस यात्रा का समन्वय विदेश मंत्रालय करने जा रहा है।
यह प्रतिनिधिमंडल 22 मई के आसपास रवाना हो सकता है और फिर अगले महीने तीन-चार जून तक वापस आएगा। सरकार ने इसमें विभिन्न दलों के सांसदों को भेजने जा रही है। कांग्रेस के मनीष तिवारी, अमर सिंह, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी, बीजेपी के समिक भट्टाचार्य, बीजेडी के सस्मित पात्रा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, एनसीपी-शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले समेत कई अन्य सांसदों के नाम शामिल हैं।