राजस्थान में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगातार शिकंजा कसते हुए कार्रवाई की जा रही है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और सीबीआई भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ लगातार कदम उठा रहे हैं। ताजा मामला डूंगरपुर का है, जहां ACB ने सहकारिता विभाग के एक निरीक्षक के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है।
डूंगरपुर में ACB की बड़ी कार्रवाई
डूंगरपुर जिले के उप रजिस्ट्रार कार्यालय सहकारी समिति के निरीक्षक विवेकानंद के खिलाफ 8,000 रुपए की रिश्वत लेने का केस दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने एक एनजीओ के रिन्यूअल के लिए रिश्वत की मांग की थी और फोन पे के माध्यम से यह रकम ली थी। ACB ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
NGO से ली गई थी रिश्वत
ACB के डीएसपी रतनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि 18 दिसंबर 2024 को एक एनजीओ संचालक ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि उसका एनजीओ स्कूल संचालन का कार्य करता है और रिन्यूअल के लिए आवेदन किया गया था। इस प्रक्रिया के बदले सहकारिता विभाग के निरीक्षक विवेकानंद ने 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। ACB ने शिकायत का सत्यापन कराया, जिसमें 8,000 रुपये की सौदेबाजी तय हुई।
19 दिसंबर को ACB ने एक कांस्टेबल को एनजीओ संचालक के साथ भेजा, जहां आरोपी निरीक्षक विवेकानंद ने रिश्वत की रकम फोन पे से स्वीकार कर ली। इसके बाद ACB ने मुख्यालय से अनुमति मांगी और मंगलवार (25 फरवरी) को स्वीकृति मिलने के बाद केस दर्ज कर लिया गया। अब अधिकारी के अन्य ठिकानों की भी जांच की जा रही है।
CBI ने भीलवाड़ा में पकड़ा रिश्वतखोर कर्मचारी
इसी बीच, भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए CBI ने भीलवाड़ा में एक EPFO कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। उसने विधवा पेंशन शुरू करने के बदले 5,000 रुपये की रिश्वत ली थी। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाई यह संकेत देती है कि सरकार और एजेंसियां भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त नजर बनाए हुए हैं।