अलवर : सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, प्री-मैच्योर बच्ची को मरा समझ सौप दिया परिजनों को; सांसें चलती देख दूसरे अस्पताल में कराया भर्ती

By: Pinki Fri, 18 June 2021 12:46:18

अलवर : सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही, प्री-मैच्योर बच्ची को मरा समझ सौप दिया परिजनों को; सांसें चलती देख दूसरे अस्पताल में कराया भर्ती

राजस्थान के अलवर के जनाना अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गुरुवार सुबह अस्पताल में एक प्री-मैच्योर डिलीवरी हुई थी। नवजात बच्चे का वजन केवल 370 ग्राम था। बच्ची का जन्म केवल साढ़े पांच माह में हुआ था इसलिए डॉक्टरों को लगा कि वे जीवित नहीं हो सकती। डॉक्टरों ने नवजात बच्ची को मृत घोषित कर परिजनों को सौप दिया। जबकि नवजात की सांसें चल रहीं थी। बीच-बीच में हाथ-पैर भी हिल रहे थे। यह देख परिजन नवजात को निजी अस्पताल लेकर आ गए। यहां नवजात को ऑक्सीजन पर रखा गया। लेकिन, बाद में उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया। तभी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी तक मामला पहुंच गया। इसके बाद अलवर के सरकारी शिशु अस्पताल में नवजात को भर्ती कराया गया। अब बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है।

चल रही थी सांसें

नवजात के पिता रवि कुमार मेघवाल ने बताया कि गुरुवार तड़के उसके पास परिजनों को फोन आया कि बच्ची पैदा हुई है और डॉक्टरों ने उसे मृत बताया है। इसके बाद वह गांव से चला। बीच रास्ते में ही दोबारा फोन आया कि बच्ची की सांसें तो चल रही हैं। एक बार तो यकीन नहीं हुआ कि जब डॉक्टरों ने मृत बता दिया तो ऐसे कैसे हो सकता है? बाद में आकर देखा तो सच में सांसें चल रही थी। बीच-बीच में हाथ-पैर भी हिल कर रहे थे। फिर हम तुरंत सेटी हॉस्पिटल लेकर गए। वहां ऑक्सीजन पर रखा गया। वहां से जयपुर रेफर कर दिया। तब तक अस्पताल प्रशासन को डॉक्टरों की लापरवाही का पता लगा।

पिता रवि कुमार मेघवाल ने बताया गुरुवार दोपहर को वापस नवजात को शिशु अस्पताल में भर्ती किया है। बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है।शिशु अस्पताल के डॉ कृपाल यादव ने बताया कि हमारे पास नवजात को गुरुवार दोपहर को लाया गया है। यहां भर्ती कर लिया गया है। प्री-मैच्योर नवजात है। हालात अभी स्थिर है।

ऑक्सीजन लेवल 30

निजी अस्पताल के डॉक्टर चिराग सेठी ने बताया कि नवजात में केवल 370 ग्राम वजन है। ऑक्सीजन लेवल भी 30 आ गया था। तब हमने परिजनों को जयपुर ले जाने को कहा था।

नर्सिंग स्टाफ से गलती हुई

उधर, जनाना अस्पताल के प्रभारी डॉ टेकचंद का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ से गलती हुई है। जो स्टाफ रात्रि को ड्यूटी पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी भी बना दी गई है।

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