राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विदेशी मेहमानों के लिए शाकाहारी भोजन, वेलकम स्टेज पर दिखायी दी नालंदा विश्वविद्यालय की झलक
By: Rajesh Bhagtani Sat, 09 Sept 2023 10:25:41
नई दिल्ली। G20 समिट के लिए भारत आए विदेशी मेहमानों के सम्मान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू डिनर होस्ट कर रही हैं। इसके मेन्यू में सभी शाकाहारी डिश शामिल की गई हैं। इसमें भी प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। मेन्यू में शरद ऋतु की झलक दिखाई गई है। इसे भारत की परंपरा, रीति-रिवाज और विविधता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
डिनर का मेन्यू वसुधैव कुटुंबकम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना को समर्पित किया गया है। इसमें कश्मीरी कहवा, दार्जिलिंग की चाय, मुंबई पाव, अंजीर-आडू मुरब्बा सहित देशभर की कई मशहूर डिश को शामिल किया गया है।
डिनर के लिए भारत मंडपम में गेस्ट्स के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इनका स्वागत इस बार नालंदा यूनिवर्सिटी के बैकग्राउंड के सामने किया जा रहा है। डिनर में दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों, डेलीगेट्स, भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय और राज्य मंत्री सहित 170 लोगों को आमंत्रित किया गया है।
मनमोहन सिंह-कैबिनेट मंत्रियों को भी डिनर का आमंत्रण
डिनर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इनके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा भी डिनर में शामिल होंगे।
इस डिनर के लिए मोदी कैबिनेट के मंत्रियों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, नरेंद्र सिंह तोमर, एस जयशंकर, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और प्रह्लाद जोशी को भी न्योता दिया गया है।
डिनर में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को न्योता नहीं
G20 के इस डिनर को लेकर देश में कुछ विवाद भी हो चुके हैं। दरअसल, राष्ट्रपति मुर्मू की तरफ से जारी हुए डिनर के इन्विटेशन कार्ड पर President Of India की जगह President Of Bharat लिखा गया था। इसका विपक्ष ने विरोध किया था।
वहीं इस डिनर के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को न्योता नहीं दिया गया। इस पर ब्रसेल्स में राहुल गांधी ने कहा था कि ये इस बात का सबूत है कि सरकार देश की 60% जनता के नेता को महत्व नहीं देती है।