बिहार के मुंडेर में कुछ दिन पहले एक बच्ची का शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ था जिसका खुलासा आज सोमवार को पुलिस ने किया हैं और इसमें चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हैं। बच्ची की हत्या बलि देने के लिए की गई थी। प्रारंभिक जांच में उसके साथ बलात्कार होने की भी आशंका जताई गई थी। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई।
मुंगेर के पुलिस अधीक्षक जेजे रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक आरोपी दिलीप कुमार नया रामनगर थाना क्षेत्र के पदम गांव का रहने वाला है। उसे एक तांत्रिक परवेज आलम ने बताया कि उसे पत्नी का गर्भपात रुकवाने के लिए एक बच्ची की बलि देनी होगी। उसने बताया कि उसकी पत्नी कई साल के बाद बच्चे को जन्म देने वाली थी। दंपति का मानना था कि ऐसा आलम की जादुई शक्तियों की वजह से ही संभव हुआ।
तांत्रिक ने दंपति से कहा कि गर्भवती मां को एक कुंवारी लड़की के खून और आंखों से बनी ताबीज पहनने की जरूरत है। दिलीप ने गांव में ही रहने वाले तनवीर आलम से इस बारे में बात की। तनवीर ने ही उन्हें तांत्रिक से मिलवाया था। इसके बाद दोनों पास के एक गांव फरदा में रहने वाले दशरथ के पास गए। दशरथ ने कहा कि वह अपने पोल्ट्री फार्म में बलि की व्यवस्था कर सकता हैं। इसके बाद लड़की को पिछले गुरुवार को उठाया गया। जब वह गंगा के किनारे अपने मछुआरे पिता को दोपहर का भोजन देकर घर लौट रही थी।
एसपी ने कहा कि इस गंभीर कृत्य के बाद तीनों खगड़िया में तांत्रिक से मिले, जिसने एक ताबीज बनाया। जिसे दिलीप की पत्नी ने अपने गले में पहना था। हमने दिलीप के अलावा तनवीर और दशरथ को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी ने बताया कि पुलिस टीम को खगड़िया भेजा गया है, जहां से जादूगर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।