नई दिल्ली। भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पूरी रणनीति के साथ कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवाद की रीढ़ तोड़ना और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाना था।
कर्नल कुरैशी ने कहा, "हमने ऐसे लक्ष्यों का चयन किया जो आतंकी ढांचे के संचालन का मुख्य आधार थे। नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को सटीक तरीके से नष्ट किया गया।" यह कार्रवाई भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से पूरी तरह योजनाबद्ध और संयमित रही, ताकि क्षेत्रीय तनाव को अनावश्यक रूप से न बढ़ाया जाए।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब देशभर में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही थी। पहलगाम में हुए हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद सरकार और सेना दोनों ने सख्त रुख अपनाया है।
बुधवार तड़के भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद की गई, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
भारतीय सशस्त्र बलों ने स्पष्ट किया है कि इस ऑपरेशन के तहत जो ठिकाने चुने गए, उनका उद्देश्य आतंकवाद के नेटवर्क की रीढ़ तोड़ना था। सेना ने बताया कि कार्रवाई पूरी तरह लक्षित, संतुलित और सीमा पार तनाव को बढ़ाए बिना की गई है।
सरकारी सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि इन हमलों में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत का मकसद केवल आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना है, न कि सैन्य टकराव को जन्म देना।
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की इस सर्जिकल कार्रवाई को "युद्ध की कार्यवाही" करार दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है, जबकि भारत का रुख अब तक स्पष्ट और रक्षात्मक रहा है।
पाकिस्तान बना हुआ है आतंकियों की पनाहगाह, साजिद मीर इसका सबसे बड़ा सबूत — विदेश सचिव विक्रम मिस्री
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान पर आतंकियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।"
मिस्री ने 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मामला दर्शाता है कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को रोकने को लेकर गंभीर नहीं है। "जिस साजिद मीर को लंबे समय तक मरा हुआ बताया गया था, उसे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद जीवित पाया गया। यह साफ संकेत है कि पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता," उन्होंने कहा।
विदेश सचिव के इस बयान को भारत की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि आतंकवाद पर पाकिस्तान की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है।