नई दिल्ली। एक ऐतिहासिक संयुक्त कार्रवाई में, भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने मंगलवार देर रात 1:44 बजे पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया, जो आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया, जो उन महिलाओं को समर्पित है जिन्होंने पहलगाम हमले में अपने पति खोए।
मुख्य तौर पर बहावलपुर और मुरिदके में स्थित दो बड़े आतंकी अड्डों पर की गई कार्रवाई में लगभग 25 से 30 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। अन्य ठिकानों पर हुए नुकसान का आंकलन खुफिया एजेंसियां अब भी कर रही हैं। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, इन हमलों में कुल 80 से 90 आतंकियों को मार गिराया गया है।
इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों के लॉन्च पैड, प्रशिक्षण शिविर और कट्टरपंथी बनाने वाले केंद्रों को निशाना बनाया गया। मुरिदके में 'मस्जिद वा मरकज़ तैयबा' को भी ध्वस्त किया गया, जिसे लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा का वैचारिक गढ़ और "आतंकी पालना" माना जाता रहा है।
8 आम नागरिकों की मौत
भारतीय सेना ने हमलों के बाद 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा कर संदेश दिया—"न्याय हुआ"। वहीं पाकिस्तान ने दावा किया कि इस हमले में आठ आम नागरिकों की मौत हुई है, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है, और इसे "युद्ध की खुली कार्रवाई" करार दिया।
हमले के अन्य स्थानों में पीओके के तहरा कलां में सरजल, कोटली में मरकज़ अब्बास, मुज़फ़्फराबाद में सैयदना बिलाल शिविर, बर्नाला में मरकज़ अहले हदीस और शावाई नाला शिविर शामिल हैं। साथ ही, हिजबुल के कोटली स्थित मर्कज़ रहील शाहिद और सियालकोट में मेहमूना जोया जैसे प्रशिक्षण केंद्रों को भी निशाना बनाया गया।
इन नौ स्थानों में से चार पाकिस्तान के भीतर स्थित थे, जबकि पांच पीओके में थे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन हमलों में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, हालांकि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और एसएसजी के कुछ तत्वों द्वारा इन आतंकी शिविरों को सहायता मिलने के संकेत हैं।
हमलों के बाद, पाकिस्तानी बलों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारी गोलाबारी शुरू की, जिसमें तीन भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। भारतीय सुरक्षा बलों ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया, और दोनों ओर से गोलीबारी की स्थिति अभी भी बनी हुई है।