पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारत और उसके नियंत्रण वाले कश्मीर में चलाई गई भारतीय सेना की सफल कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' को अब स्कूलों की किताबों में शामिल किया जाएगा। उत्तराखंड, जो भाजपा द्वारा शासित है, में मदरसों के छात्रों के लिए इस ऑपरेशन को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का बड़ा फैसला लिया गया है। इस संबंध में उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद इसकी घोषणा की।
कासमी ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए मुसलमानों के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षामंत्री राजनाथ से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, "हमने प्रधानमंत्री मोदी जी को संदेश दिया कि हम उनके साथ हैं, 140 करोड़ देशवासियों के साथ खड़े हैं। इसी प्रेरणा से हमें एक नई पहल करने का विचार आया। मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को हमने आधुनिक शिक्षा से जोड़ना शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं, उनके नेतृत्व में हम एक नई शुरुआत करेंगे और अपने बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर की सफल गाथा से अवगत कराएंगे।"
ANI से बातचीत में कासमी ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि जब बच्चे भविष्य में इस कहानी को पढ़ें, तो उनके सामने पाकिस्तान का असली चेहरा आए। उन्होंने कहा, "22 अप्रैल को पाकिस्तान ने निहत्थे भाइयों को हमारी बहनों के सामने उनके सुहाग को उजाड़ा। इसका नाम पाकिस्तान नहीं 'नापाकिस्तान' होना चाहिए। इसने खुदा के आदेशों का भी उल्लंघन किया है। खुदा कहता है कि अगर तुमने किसी एक इंसान का नाहक कत्ल किया, तो यह पूरी इंसानियत के कत्ल के समान है। वहां के आर्मी चीफ टू-नेशन थ्योरी को बढ़ावा देते हैं, जबकि हमने 1947 में इसे ठुकरा दिया है।"
कासमी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसे प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंड्री तक की कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, मदरसों में सुबह की प्रार्थना के समय भी ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जाएगी।