ओडिशा विजिलेंस ने मलकानगिरी जिले में जलग्रहण परियोजना के डिप्टी डायरेक्टर एवं पीडी शंतनु महापात्र के घर पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान ₹1.50 करोड़ नकद जब्त किए गए, जिनमें अधिकतर ₹500 के नोट थे। विजिलेंस को शक था कि शंतनु महापात्र के पास उनकी आय से अधिक संपत्ति हो सकती है, जिसके आधार पर विजिलेंस ने जयपुर से सर्च वारंट प्राप्त कर उनके ठिकानों पर कार्रवाई की।
इंडिया टीवी की खबर के अनुसार विजिलेंस टीम ने कुल सात स्थानों पर छापेमारी की, जिनमें शंतनु महापात्र का तीन मंजिला घर जयपुर, मलकानगिरी में सहायक कृषि अभियंता मोहन मंडल का घर, डाटा एंट्री ऑपरेटर बिस्वजीत मंडल का घर, अनुबंधित कर्मचारी अमियाकांत साहू का घर, महापात्र का ऑफिस, कट्टक के बलिसाही, नुआपाड़ा में उनके पैतृक घर और भुवनेश्वर के भीमटांगी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में उनके रिश्तेदार का घर शामिल थे।
इस व्यापक ऑपरेशन में 2 एडिशनल एसपी, 4 डीएसपी, 10 इंस्पेक्टर और 6 एएसआई अधिकारियों ने भाग लिया। छापे के दौरान दस्तावेजों की भी जांच की गई, जिससे नए तथ्य सामने आने की संभावना है। विजिलेंस टीम अब जब्त किए गए कैश और दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रही है।
अधिकारियों ने दी ये जानकारी
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि ओडिशा सतर्कता विभाग ने आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में मलकानगिरी के जलग्रहण परियोजना के उप निदेशक शंतनु महापात्र के घर पर छापेमारी की। विभाग ने यह भी बताया कि इस कार्रवाई को सफल बनाने के लिए ओडिशा सतर्कता विभाग की एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसमें दो सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी), चार पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), दस निरीक्षक, छह सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) और अन्य सहायक स्टाफ शामिल हैं। यह छापेमारी विशेष न्यायाधीश सतर्कता, जयपुर द्वारा जारी तलाशी वारंट के आधार पर की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई में मलकानगिरी, कटक, और भुवनेश्वर सहित कुल सात स्थानों पर तलाशी की जा रही है। इसके साथ ही महापात्रा से जुड़े अन्य लोगों के घरों की भी तलाशी ली जा रही है।