खुलने वाला है जगन्नाथ पुरी मंदिर का खजाना, सरकार ने गठित किया नया पैनल!
By: Rajesh Bhagtani Fri, 05 July 2024 2:34:14
भुवनेश्वरम। ओडिशा सरकार ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार को फिर से खोलने की निगरानी के लिए एक नई उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति कीमती सामानों की मरम्मत और सूची तैयार करेगी। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने गुरुवार रात (4 जुलाई) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समिति का गठन ओडिशा उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार किया गया है।
मार्च में, पिछली बीजद सरकार ने रत्न भंडार में रखे आभूषणों और अन्य कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरिजीत पसायत के नेतृत्व में 12 सदस्यीय समिति बनाई थी। भाजपा सरकार ने न्यायमूर्ति पसायत के नेतृत्व वाली समिति को भंग कर दिया और नई समिति का गठन किया।
विधि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, "रत्न भंडार में संग्रहीत आभूषणों सहित मूल्यवान वस्तुओं की सूची बनाने में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति की निगरानी के लिए न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया जाता है।"“
हरिचंदन ने बताया कि उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय नई समिति 6 जुलाई (शनिवार) को पुरी में अपनी बैठक करेगी, जिसमें रत्न भंडार के उद्घाटन की तारीख तय की जाएगी तथा आंतरिक कक्ष की मरम्मत और इसके अंदर संग्रहीत कीमती सामानों की सूची तैयार करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि समिति यह भी तय करेगी कि 12वीं सदी के मंदिर के खजाने में रखे कीमती सामान की गुणवत्ता की जांच के लिए कौन सी बाहरी एजेंसियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिश के अनुसार, राज्य सरकार रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करेगी।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को समिति का सदस्य संयोजक नियुक्त किया गया है, जबकि पुरी कलेक्टर, रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक, गजपति महाराज के प्रतिनिधि, एएसआई के प्रतिनिधि और ओडिशा के पूर्व डीजीपी प्रकाश मिश्रा समिति के अन्य सदस्य हैं।
रत्न भंडार की सुरक्षा को लेकर भाजपा नेता समीर मोहंती द्वारा दायर जनहित याचिका का 29 सितंबर 2023 को निपटारा करते हुए उच्च न्यायालय ने सरकार को एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था।