राजस्थान के झुंझुनू में 8 फरवरी को एक ठेले पर 2 दिन की नवजात मिली थी जिसकी तबियत खराब थी। फ्रूट का ठेला लगाने वाले जावेद ने सुबह करीब साढ़े सात बजे बच्ची को अपने ठेले पर देखा और आसपास के लोगों के साथ उसे बीडीके अस्पताल पहुंचाया। मां का दूध उपलब्ध नहीं होने के कारण से अस्पताल का स्टाफ उसे फार्मूला दूध पिला रहा था। बेहतर इलाज के लिए बच्ची को मां के दूध की जरूरत थी, इसलिए डॉक्टरों ने हाल ही में मां बनीं महिलाओं से इसकी अपील की थी। इस पर 22 साल की महिला ने इंसानियत का धर्म निभाते हुए 27 दिन पहले खुद मां बनी पार्षद हीना कौशर अस्पताल पहुंच गईं और बच्ची को अपना दूध पिलाया। बच्ची अब बीमारियों से बेहतर तरीके से लड़ पा रही है।
कौशर झुंझुनूं शहर के वार्ड 16 से पार्षद हैं। तकरीबन एक महीने पहले ही वह खुद भी मां बनी हैं। उनका बेटा अभी 27-28 दिन का है। नवजात को दूध पिलाने वाली हीना कौशर पहली बार कांग्रेस से पार्षद बनी हैं। उनके परिवार का स्क्रैप का बिजनेस है। 22 साल की पार्षद हीना कौशर को अखबार के जरिए सूचना मिली थी कि मासूम बच्ची लावारिस मिली है, जो बीडीके अस्पताल में भर्ती है। बच्ची 24 से 48 घंटे पहले जन्मी थी। उसके लिए प्रसूताओं से दूध पिलाने की अपील की गई थी। ऐसे में हिना अस्पाताल पहुंचीं और मां का फर्ज निभाया। उन्होंने कहा कि आगे भी जब-जब बच्ची को मां के दूध की जरूरत होगी, वह अस्पताल आ जाएंगी।