म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। इसका असर चीन, कंबोडिया, बांग्लादेश, थाईलैंड और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया। मांडले शहर में सबसे अधिक नुकसान हुआ, जहां 1000 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। कई इमारतें और पुल ढहने से कई लोग मलबे में दब गए। भारत समेत कई देशों ने इस आपदा पर शोक व्यक्त किया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और अंतरराष्ट्रीय मदद
भूकंप के बाद म्यांमार सरकार ने छह इलाकों में आपातकाल घोषित कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है। WHO और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं ने आर्थिक मदद की आवश्यकता जताई है, क्योंकि देश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत ने मानवीय सहायता के तहत 15 टन राहत सामग्री भेजने की घोषणा की है। इसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, रेडी-टू-ईट फूड, वॉटर प्यूरिफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप और दवाइयां शामिल हैं। भारतीय वायु सेना का C-130J विमान राहत सामग्री लेकर म्यांमार रवाना हो रहा है।
भूकंप के झटके फिर महसूस किए गए
28 मार्च 2025 की रात म्यांमार में एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 4.2 मापी गई। इससे राहत और बचाव कार्य में और कठिनाइयां बढ़ गईं। सड़कों में दरारें, ढही इमारतें और डैम को हुए नुकसान के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है।
1000 से ज्यादा की मौत, बढ़ सकता है आंकड़ा
म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने बताया कि अब तक 1000 लोगों की मौत हो चुकी है और 2400 से ज्यादा घायल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
भारत ने जारी की एडवाइजरी
म्यांमार के साथ-साथ थाईलैंड में भी भूकंप का असर देखने को मिला। थाईलैंड में बिल्डिंग गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई और 68 लोग घायल हो गए। बैंगकॉक और म्यांमार में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस आपदा को देखते हुए भारतीय दूतावास ने थाईलैंड में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिससे वहां मौजूद भारतीय नागरिक जरूरत पड़ने पर सहायता प्राप्त कर सकें।
भारतीय दूतावास ने 'X' पर एक पोस्ट जारी कर कहा, "बैंकॉक और थाईलैंड के बाकी हिस्सों में शक्तिशाली भूकंप आने के बाद, दूतावास स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। अब तक किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।" दूतावास ने सभी भारतीय नागरिकों से किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर +66 618819218 पर संपर्क करने की अपील की है।
भूकंप के बाद राहत अभियान शुरू
म्यांमार में भूकंप के बाद बड़े पैमाने पर राहत अभियान शुरू किया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने घोषणा की कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में 5 मिलियन डॉलर की राहत राशि आवंटित की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने म्यांमार के अधिकारियों से बातचीत कर सहायता देने की पुष्टि की है। म्यांमार सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में ब्लड डोनेशन की उच्च मांग की सूचना दी है, जिससे घायलों के इलाज में तेजी लाई जा सके।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
भारत ने भी इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार की मदद के लिए कदम बढ़ाया है। भारत म्यांमार को टेंट, स्लीपिंग बैग, खाना, स्वच्छता किट और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा। यह सहायता भारतीय वायु सेना के सी-130जे विमान के जरिए हिंडन एयरबेस से म्यांमार तक पहुंचाई जाएगी।
भूकंप के बाद फिर लगे झटके
मुख्य भूकंप के बाद शुक्रवार रात 11:56 बजे स्थानीय समयानुसार म्यांमार में 4.2 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने पुष्टि की कि यह झटका 10 किमी की गहराई पर आया, जिससे आगे और झटकों की संभावना बढ़ गई है। मांडले शहर को इस भूकंप से सबसे अधिक नुकसान हुआ, जहां करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई। बचाव कार्य अभी भी जारी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है।